Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan
View full book text
________________ Gestaegesdeegeskargestigesterest (वर्षीतप की महिमा (तर्ज-धीरे-धीरे बोल...) वर्षीतप करो भाई वर्षीतप करो, ऋषभ जपो बहनों ऋषभ जपो.. ऋषभनाम से बेड़ा पार है, प्रभु की महिमा अपरंपार है ऋषभ 2) जपो...। 1. वर्षीतप की महिमा ज्ञानी मुनियों ने गाई, ऋषभ प्रभु ने इसको है अपनाई कहते करम बढ़ता धरम मिलती शांति अपार है....II 2. भौतिक सुख के लिए नहीं तप करें 1 धन दौलत के लिए नहीं तप करें, र शुद्धि के लिए, मुक्ति के लिए करना ही श्रेयकार है...|| Letestetetuestestuesitgestuestest 3. तपस्वी के आगे सुर नर सब ही नमते, इस भव परभव के कर्म सभी है कटते, श्रद्धाभाव से अहोभाव से, फिर मुक्ति तैय्यार है...|| "प्रियदा' कहे बहनों वर्षीतप करो....|| தலைமைழைகை
Page Navigation
1 ... 110 111 112 113 114 115 116