Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan
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________________ Agest guageseksi 61. आनन्द 62. नन्द 63. अपराजित 64. विश्वसेन 65. हरिषेण 66. जय 67. विजय 68. विजयन्त 69. प्रभाकर 70. अरिदमन 71. मान 72. महाबाहु 73. दीर्घबाहु 74. मेघ 75. सुघोष 76. विश्व 77. वराह 78. वसु 79. सेन 80. कपिल 81. शैलविचारी 82. अरिंजय 83. कुंजरबल 84. जयदेव 85. नागदत्त 86. काश्यप 87. बल 88. वीर .89. शुभमति 90. सुमति 5 91.पद्मनाभ 92. सिंहा 93. सुजाति 94. संजय . 95. नाम(सुनाम) 96. नरदेव 97. चित्तहर . 98. सुखर 99. दृढ़रथ 5 100. प्रभंजन Ail दिगम्बर परम्परा के आचार्य जिनसेन ने भगवान ऋषभदेव के 101 पुत्र माने हैं। उस पुत्र का नाम था वृषभसेन। भगवान ऋषभदेव की पुत्रियों के नाम1. ब्राह्मी, 2. सुन्दरी .. राज्याभिषेक-जनसंख्या तीव्रगति से बढ़ती जा रही थी। साधनों की सीमितता तयुगीन मनुष्य के लिए चिन्ता का विषय बनी थी। कुलकर नाभिराय जानते थे कि उनका पुत्र ऋषभदेव ही वर्तमान में उपज रही जनसमस्याओं का स्थायी समाधान कर * सकता है, अतः उन्होंने अपने पुत्र को अपना उत्तराधिकारी घोषित र कर दिया। Eesti estivestimenti estergesti estiveste tot
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