Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan

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Page 62
________________ best westestuest yetisen पत्रकच्छेद्य - पुस्तक के पत्रों-ताड़पत्र आदि को छेदने (8 की कला 71. सजीवकरण - मृत धातु को सजीव करना-उसको अपने मौलिक रूप में ला देना। 5) 72. शकुनरुत - शकुन शास्त्र यह विवरण समवायांग सूत्र के अनुसार है। ज्ञाता धर्मकथा, 8 2 औपपातिक, राजप्रश्नीय व जंबूद्वीप प्रज्ञक्ति की वृत्ति भी बहत्तर कलाओं का कुछ नाम और क्रम भेद के साथ उल्लेख मिलता है। बाहुबली को प्राणी लक्षण का ज्ञान कराया। ज्येष्ठ पुत्री को दाहिने K) हाथ से अठारह प्रकार की लिपियां सिखाई, वे इस प्रकार हैं१. ब्राह्मी 2. यवनानी र 3. दोसउरिया 4. खरोष्ट्रिका 6) 5. खरशाहिका 6. प्रभाराजिका 1) 7. उच्चत्तरिका 8. अक्षरपृष्टिका भोगवतिका 10. वैनतिकी निन्हविका 12. अंकलिपि 13. गणितलिपि . 14. गंधर्वलिपि 15. आदर्शलिपि 16.. माहेश्वरी 17. द्राविड़ी१८. पोलिंदी। . पडू दूसरी पुत्री सुंदरी को बायें हाथ से गणित का ज्ञान करवाया, 6 साथ ही राजा ऋषभ ने स्त्रियों की चौसठ कलाओं का भी ज्ञान 1) दिया, वे इस प्रकार हैं१२ 1. नृत्य-कला 2. औचित्य 3. चित्र-कला 4. वाद्य-कला 5. मंत्र 6. तन्त्र 7. ज्ञान 8. विज्ञान 9. दम्भ GLISHEGLEGeedoesdesesxeGeet-GesteeGeeterger " 11. निन्हाप HEE

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