Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan

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Page 79
________________ Gestgestest eggen और सम्राट भरत का उल्लेख वेद के मन्त्रों, जैनेतर पुराणों, ( 2) उपनिषदों आदि में भी मिलता है। भारत के प्राचीन धर्मग्रंथों वेदों, (, र वैष्णवं भागवत, शैव प्रभृति विभिन्न आम्नायों के उपरिवर्णित 10 पुराणों, मनुस्मृति एवं बौद्ध ग्रंथ आर्य मंजुश्री आदि के गरिमापूर्ण र उल्लेखों पर चिंतन-मनन से सहज ही विदित हो जाता है कि 5) युगादि की सम्पूर्ण मानवता ने भगवान ऋषभदेव को अपने सार्वभौम (G लोकनायक, सार्वभौम धर्मनायक और सर्वोच्च सार्वभौम हृदयसम्राट के रूप में स्वीकार किया था। भगवान ऋषभदेव द्वारा स्थापित की। गयी नीति लोकनीति के नाम से एवं प्रकट किया गया धर्ममार्ग * विश्वधर्म अथवा 'शाश्वत धर्म के नाम से त्रैलोक्य में विख्यात हुए, 5) जहाँ विश्वधर्म से तात्पर्य सब प्रकार के विशेषणों से रहित केवल (G 1) 'धर्म' ही था। అలర్ Lettetetuetustieteen este అల అల అల एकान्तर तपधारी.सत्पुरुषों का योग बल इस सृष्टि का मंगल और कल्याण करें। अहिंसा, संयम और तप रूप उत्कृष्ट धर्म जिस आत्मा में निवास करता है, उसे देवता भी नमस्कार कते हैं / तप बिना जल और साबुन का अंतरंग स्नान है। कर्म कालिमा से काली बनी हुई आत्मा तप-ज्वाला से स्वर्णसम चमकने लगती है। मोक्ष के चार द्वार है सम्यक ज्ञान, दर्शन चारित्र और तप-धन्य है तप और धन्य है. तपस्वी। वर्षीतप का किया है Selection तन-मन का दिया Donation प्रभु आदिनाथ से जोड़ा है Connection तपस्वी को देते हैं- Congratulation

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