Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan

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Page 106
________________ testoste Feeeeeeeeeeeeeeeeeeee et vesti cesti vestition घर-घर प्रभुवर गोचरी जाएँ सूझता आहार ना कोई बहराएँ-2 मणिमाणक हाथी घोड़े समर्पित करते सब मिलके....? श्री ऋषभ देव का पारणा............ I! 5 || अंतराय कर्म का नाश हुआ है कुंवर श्रेयांस का भाग्य जगा है-2 कलश एक सौ आठ इक्षुरस बहराया भावों से.... श्री ऋषभ देव का पारणा ............... || 6 / / सुपात्र दान का महापर्व आया "प्रियदर्शन' मन हर्ष सवाया-2 अक्षय तृतीया की महिमा सभीजन गाओ मिलके....... श्री ऋषभ देव का पारणा ............... ||7|| अक्षय-तृतीया का यह शुभ दिन आया, कुंवर श्रेयांस ने प्रभु को पारणा कराया। धन्य बनी हस्तिनापुर की पुण्य धरा, - देवों ने अहो दानं अहो दानं नाद गुंजाया।। ongestions

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