Book Title: Ratna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Author(s): Kapil Mohan
Publisher: Randhir Prakashan Haridwar

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Page 10
________________ १२३ १२४ १२७ or له or سه بسه or بسه १३९ १४२ १४३ १४४ घृतमणि या जबरजद्ध तेलमणि या उदउक, भीष्मक या अमृतमणि ओपल मणि या उपलक (Opal) स्फटिक मणि (Crystal) हकीक (Agate) पारस मणि (Philosphers Stone) उलूक मणि लाजावर्त या वर्तकमणि (Lapis Lazuli) मासर मणि या एमनी (Agate, Eye Agate) भीष्मक मणि १३. रत्नों के कटाव कृत्रिम व संश्लिष्ट रत्न रत्नों की रंगाई रत्नों का तौल १४. रत्न खरीदते समय सावधानियाँ रत्नों की पहचान प्रकाश तथा रंगों का प्रभाव १५. रोग में रत्न और ज्योतिष विचार शीतज्वर, सिरदर्द मुँहासे, मसूड़ों में क्षय दुर्घटना तथा मोच कंठ शूल, गलसुआ, रक्ताल्पता (एनीमिया) अपेण्डिसाइटिस पथरी, एलर्जी एक्जीमा, जलन शिराशोथ, पोलियो फोड़ा, उपदंश नजला-जुकाम, पाद-दोष आन्त्रशोथ, नेत्रशोथ उच्च रक्तचाप, पक्षाघात १५१ १५२ १५४ १५४ १५५ १५७ १५८ १५९ १६० १६१ १६२ १६३ १६४ १६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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