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सन्देश
अटल बिहारी वाजपेयी
नेता, प्रतिपक्ष, लोक सभा
दिनांक : २१ अप्रैल, १९९४
प्रिय श्री सरस,
आपका पत्र प्राप्त हुआ, धन्यवाद।
यह जानकर प्रसन्नता हुई कि स्व. उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि की स्मृति में आप एक स्मृति-ग्रन्थ का प्रकाशन कर रहे हैं।
श्री मुनि जी ने अपना सारा जीवन अध्यात्म साधना, जप-ध्यान योग की अनुभूतियां प्राप्त करने में लगा दिया और उन्होंने समाज को व्यसन-मुक्त, सात्विक, सदाचारी जीवन जीने की प्रेरणा दी।
आशा है आप उनके सद्विचारों एवं उपदेशों को प्रेरणाप्रद रूप में स्मृतिग्रन्थ में स्थान देंगे। श्री मुनिश्री के प्रति अपनी श्रद्धांजलि सहित.
आपका
(अटल बिहारी वाजपेयी)
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