Book Title: Puratana Prabandha Sangraha
Author(s): Jinvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 16
________________ १३ ३६. १९८८ विश्वासघातकविषये नन्दपुत्रप्रबन्धः (B. ) १८९ G. संग्रहे नन्दनु पोल्लेख...... ३७, ९१९० वलभीभङ्गप्रबन्धः (P.) $१९३ G. संग्रहे वलभीभङ्गवृत्तम्. ३८. ११९६ श्रीमाताप्रबन्धः **** $१९७ G. संग्रहगतं श्रीमातावृत्तम्. ३९. ११९८ जगद्देवप्रबन्धः (G. ) ४०. ११९९ पृथ्वीराजप्रबन्धः (B. P . ) २०१ G. संग्रह पृथ्वीराजविषयकवृत्तम्. ४१. ९२०२ जयचन्द्र प्रबन्धः Jain Education International **** **** .... 0.00 **** .... .... .... .... www **** www. .... .... .... .... २०६ G. संग्रहे जयचन्द्रनृपवृत्तम्. .... ४२. १२०७ वराहमिहिरवृत्तम्. ४३. १२०८ नागार्जुनप्रबन्धः ४४. २१० पादलिप्तसूरिप्रबन्धः (B. ) २१३ G. संग्रहे पादलिप्तसूरिवृत्तम्. ४५. १२१४ अभयदेवसूरिप्रबन्धः ( B. BR ) ४६. ६२१६ वाग्भटवैद्यवृत्तम्. ( G. ) ४७, १२१९ रैवततीर्थप्रबन्धः (P.) ४८. ९२२० देव्यम्बाप्रबन्धः ( B. BR ) ४९. १२२१ उज्जयन्ततीर्थात्मकरणप्रबन्धः (P. ) ५०. ९२२२ वज्रस्वामिकारितशत्रुञ्जयोद्धारप्रबन्धः (P.) ५१. ९२२४ कपर्दियक्ष - जावडिप्रबन्धः (BR) ५२. ९२२५ लाखणराउलप्रबन्धः ( B. P . ) ५३. ९२२८ चित्रकूटोत्पत्तिप्रबन्धः ( P. ) ) ५४. १२२९ श्रीहरिभद्रसूरिप्रबन्धः (B ) ५५. ९२३१ सिद्धर्षिप्रबन्धः ( B. BR ) ५६. ६२३२ शान्तिस्तवप्रबन्धः (P.) ५७, १२३३ न्याये यशोवर्मनृपप्रबन्धः ( B. B. P . ) ५८. १२३४ अम्बुचीचनृपप्रबन्धः ( B. BR. P. ) ५९. ९२३५ विधिविषये उदाहरणम्. (P.) ६०. १२३६ परोपकारविषये उदाहरणम्. (P.) ६१. ९२३७ उद्यमविषये उदाहरणम्. (P.) **** .... .... **** **** .... .... **** **** 9500 .... .... .... .... 2230 .... .... 8000 .... .... 6000 .... www. .... www. For Private Personal Use Only .... .... .... .... 8000 4240 .... .... 3000 www. 2030 .... ...D .... 0000 www. www. 9300 **** .... .... 9000 **** .... .... 8.30 .... 9*** 2000 .... .... 0000 .... 1000 .... 3.2. .... .... .... www. .... B000 2000 0000 **** .... **** .... 2000 .... www. .... .... .... 0404 .... .... .... .... .... **** **** **** 1024 **** .... .... .... **** .... 8020 www. .... ८१ ८२ ८२ ८३ ८४ * 11 ८५ ८६ ८७ ૯૮ ९० 99 ९१ ९२ ९४ ९५ ९६ ९७ = 19 ९८ ९९ १०० १०१ १०३ 99 १०५ १०७ 19 १०८ १०९ ११० "2 www.jainelibrary.org

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