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पंचम परिच्छेद प्रमाण के विषय का निरूपण
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प्रमाण का विषय तस्य विषयः सामान्यविशेषाद्यनेकान्तात्मकंवस्तु॥१॥
अर्थ-सामान्य, विशेष आदि अनेक धर्मों वाली वस्तु प्रमाण का विषय है।
विवेचन-सामान्य, विशेष आदि अनेक धर्मों का समूह ही वस्तु है । अनेक पदार्थों में एकसी प्रतीति उत्पन्न करने वाला और उन्हें एक ही शब्द का वाच्य बनाने वाला धर्म सामान्य कहलाता है। जैसे अनेक गायों में यह भी गौ है, यह भी गौ है', इस प्रकार का ज्ञान और शब्द प्रयोग कराने वाला 'गोत्व धर्म सामान्य है। इससे विपरीत एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ में भेद कराने वाला धर्म विशेष कहलाता है; जैसे उन्हीं अनेक गायों में नीलापन, ललाई, सफेदी आदि । सामान्य और विशेष जैसे वस्तु के स्वभाव हैं उसी प्रकार और भी अनेक धर्म उसके स्वभाव हैं। ऐसी अनेक स्वभाव वाली वस्तु ही प्रमाण का विषय है।
सामान्य-विशेषरूपता का समर्थन अनुगतविशिष्टाकारप्रतीतिविषयत्वात्, प्राचीनोत्तरा