Book Title: Paumchariyam Part 2
Author(s): Vimalsuri, Punyavijay, Harman
Publisher: Prakrit Granth Parishad
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७४
७. पाठान्तराणि
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A
:
.
02
११८ मोहजालेण जे,क,ख १५३ "ओ वीरो
, २३० 'मेहवण्णवयणो
२५ विवडा ११९ संतोसंऽणु जे १५९ य सव्वे, क,ख
'मेहकण्णवयणो
२६ बाणतोमर १२. रायभत्तं १५९ मञ्चे य ठि जे २३० विज्जुणाउल
२६ आउहसतेसु १२. भवह
१६२ कित्तिसंपुण्ण क,ख २३१ विमुक्कजीवासा क, २८ आडोलियं १२२ रलद्धमाहप्पा १६५ ला हवइ वा(धा)ती जे २३२ निग्योसो
२९ खरगतोमरचडक्ख १२३ पावेन्ति
२९ तोमरवडक १२४ मोक्खो १६७ रइए चेत्र २३४ निग्धोसं
२९ 'सोवमेह प १२५ जइ विह तवं १७१ सामिए
जे २३६ पियमाई
३० एजन्तं १२६ विकिट्ठ
, १७२ पते जे,क,ख २३७ एत्तोहे मंगलपुरे, ३० अवड्ढिओ १२६ अमेयकालं १७२ संपण्णा
पत्ताहे मंगलपुरे, ३१ दोण्ड वि आमेयकालं क १७३ जो ते हि
२३८ 'विभूती
३१ रणरसकण्डू १२९ असिपत्ता क,ख १७३ तस्स करेहि जे, २३९ पीयंकरस्स
रणस्स कण्डू १२९ पतेसु जे १७३ वरतणुम्मि मा जे २३९ पीइमाइस
३४ °समस्याओ १२९ पावेंति जे,क,ख १७३ वरतणुम्मि मा २४० वि य सुमा
३४ रुहिरे(रा)हविंद १३. बह रन्नम्मि जे १७५ णं । आछेय
२४. रई विसेसेण
क,ख
३५ आमरिसवसर्ग १३१ एषा गाथा अप्रगाथा- १७७ वानरीण
२५४ भयसंगा जे,क,ख ३६ सपरहुत्तो .. पश्चात् क,ख १८२ आभिट्टो
२४४ चारित्तयुत्ता जे ३७ भिण्डिमालप १३१ "न्ति शिणो . क,ख __ १८२ पयकणं
सिवमयल
भिडिमालिप १३४ घाऐंति १८३ किक्किन्धिसुही क,ख
उद्दसो
१. आसासि १३४ बेण्णि
किक्किन्धसुही जे
सम्मत्तो
क,ख .
सुरवरस्स बिणि ख १८४ इव, चक्कसणाहो जे,क,
उद्देश-७
१० ओ नरवइस्स क,ख १३७ कासपुरि जे १८७ तालिओ
- ४३ आइच्चरत्ति १३७ ठाणोएणं . , १८७ परिवेडिङ
४ संजाओ
४६ वो धीरो क,ख ठाणजोगेणं क,ख १८८ 'गमणदत्ता
४८ पुहहतले १३९ झाणोवजोग जे,क,ख
७. निम्बुयपसस्था १९५ पासइ
१९ जक्खपुरओ क,ख जे १९७ कस्सेसो १११ मुट्टिप्पहारा
क,ख ९
जे,क ण पत्तो
४९ टि. १. सहशनामानः
९ माहप्पं १४२ सप्त कलुसया जे.क,ख १९९ पुच्छावलन्त'
५० आसीणासीणपुरे १५५ सुणितु २०२ वश्तुगरयणपायारे जे ११ हरिणगमेसी
५० वइसावरपु १४६ समज्जेइ क २.२ पमायसोगं
हरिणेगमेसी १४७ नियं भवणं
५१ पवमादी जे २.९
१२ तरुवरकुसुम
ओ वीरो
तस्सलील १४७ गेण्इ २१० मि पच्छन्नसंदेहो क,ख १३ खेयराणंदं
"या धीरा १४९ तडिकेसिस २११ भवणसोभं १५ सुमाली य स
"सेड्ढिसामित्तं १५० किक्किन्धपु
१५ जिट्ट " २१८ अण्णपव्व कस १५. महोदहिरवो २१८ विलम्बन्तं
५३ नन्दवती १५१ 'निवेयणो २२१ रम्मपदेसेसु
१८ टि. दाढिः-शूकरः,
५४ कइकसियाओ १५१ ‘ण उव्विग्गो २२२ दक्खिणदिसं जे,क,
ईष्ट्रिन् ५५ रे भीमसेण १५२ अभिसि २२४ निग्घोसो ना
१८ गम्वियं
जे ५७ भजप्पभिई १५३ निदियकम्मरिङ , २२६ मारेन्ति जे,क, १८ री चयइ (संशोधितम्),, लोगपालणो .१५३ निह(ण) तकम्मरिक क २२८ जन्तुनिवह
२. अमलंकिय
५९ गम्भसंभमा - १५३ सिद्धिपुरं ख २२९ निग्घोसो नि जे २४ 'ऊण संतहा। , ६३ कुडम्ब
जे
५३ रणा सु°
जे
१७ कोल्हुयादीया
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