Book Title: Paumchariyam Part 2
Author(s): Vimalsuri, Punyavijay, Harman
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 359
________________ ११४ ४७ नदिसतेसु ४९ पउमस गासे समा ५० गुणमती ५१ बन्धुमती ५१ कमलवई ५२ सिरिचंदा ५२ मादीओ १२ बमो ५३ एवमादीओ ५४ सु मज्जणयंतं, स ५५ सो एत्थ भ० ५५ अन्नेच्छ ५६ पहिलाओ ५९ कीलइ रई० ५९ "रतो वीरो तबस्थ धीरसन्भावो ६. खुभित्र भलाण' ६१ वित्तासम् ६२ ७० सरिसं रावं सुणिऊण से समलगया ६३ व महासन्ने ६५ समया ६७ यणो पलोइउं लग्गो ६७ पन्न'ह 55 बंभुतरे सुरो आसि अनयकारी ७२° तं कम्म जेण सत्यदु एवं अइ ७३ चिन्तेभ ७३ जेणेसठाणं क, ख क, ख जे जे, ख जे ७३ लभे हैं इति 'संखोहणं नाम नाम पव्वं सम्मतं Jain Education International क. ख क जे 16 M जे क, ख जे जे क, ख क ख ख जे 37 " क, ख उद्देश - ८१ २मंती करी निओ य नियय ३ यं भजाहि तत्थ ४ ५ ६ ७ ८ ८ ९. १० ११ १२ १२ १२ १३ १३ १३ १ २ ६ ६ 'रामो 'निनादेणं ६ लाभिऊन ताव तह समंगल पभिई पभीइ महिवीढं १३ १४ तस्वायं १५ मन्तगिरं १५ ७. पाठान्तराणि असोभं वि इति नाम पब्वं सम्म छुब्भन्तो थिय चितइ सो विजपउत्ते अहियं चिय लालिओ सो सो वि उद्देश-८२ क, ख मुवगयाण संजमतिलया सच्चे वि पर एण क, ख न सिज्जासु न य नगेरे न य नयरे, न य हारे शेव नेय पा जे क, ख जे जे 23 क ख जे क ख सुररायनमं पडिमा चउयाणणा क, ख मु. क, ख जे 27 39 35 " 19 क ८ १० २४ १२ १३ अणुहोति १६ मिडिया १७ खुभिउ २१ पयरग २२ परीसहेर्दि २४ गिरीई मिरीड २७ २९ ३१ ३१ ३३ "गुज्जुओ कडगई ३३ गडिगजन्त सय्येदति मुि चलणे "वज जे 39 ३३ ३४ ३४ ३५ अहिय ३६ गेण्हेज ३६ गेव्हेजा ३६ विसेसं क ४२ ३८ "ण तो हू तो मोरो जे ३८ कुरुरो क, ख 'मजारेण मरि क. ख जे बहुवामा समु क ख ४४ सुमारो जे ४४ विणिओ वंगा तदि वेया ४३ जे कख ४५ For Private & Personal Use Only क क, ख जे जे क, ख जे ख क तावास्याने जे क प्रत्याम् निम्नगाधा ताणं चिय मज्झेक्को गारीजी अण्णया हम हाणि । पारिव्वयपाखंड कुणइ कमाएहि परिहाणो ॥ रे करवसि जे "वसह वीरो अभि कख कठे जे सो इम क, ख च उपव्वन्तमुईए ? (स) पव्वइय त सोउ, विप्पो तं सुई जे "ईए विप्पो तं सुई क. ठावियं सुर्य मम सुणेसु क जे जे, मु, क, ख जे ४६ दरम ४८ ४८ ४९ on ६७ ૬ ૮ ७० ५२ ५५ ५७ ५७ ५९ ६० ६० ६२ ६४ पोखर दावे ६४ माहवदेवीए ६५ ६६ ७० ७२ ७४ दंसणूओ डण्ड सया से ८९ क, ख सोउ समिहाए कारणे जे सोउ सहकारणे क, ख समयं म क सयं म संतासीणे रणे तिरिए भवन्ति रमणजिओ ख एतद्गाथा नास्ति जे रासु नियभवणे पेच्छसु चेटिय अमरेन्द्र "उणय देवकुरु च श्चिय ७६ साणमराम्पिओ ७९ ८१ ८२ ८४ क, ख जे "इ बीरो मा पुर्ण पच्छा 'ताओ ताओ नियमे गेन्दन्ति पुि घराओ सुरभि ९० "यसभस्स सिक्सियंत १२ ९२ णं तो मो ९२ मिदुमती -३ मिम ९४ ख जे भगइ मही 32 क, ख जे जे जे या वृत्ता । एयनि होसु परि रायगि चोरियंगओ क, ख 33 ख क ख 33 33 ख क www.jainelibrary.org

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