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चरणजओ । पवि
मरइ महारष्णं, मय
मोहविवज्जिओ सया
विमलमणो ॥
२ होही भि
होइ भि
त गिहिस्सामि
१२
पविसइ महाभरणं
इति
गोयर संभा
नाम पव्वं
पब्वं ॥
समारूटो
विवरण
४
"ओ सम
५ पियनंदिनरा
५ निउतो
६ पेच्छन्तविरहय
उद्देश - ११६
१७
वारिसे दिवसे । कु ख
'रे बीए । कु
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इससंवि
"वरेंद
नरवरस्स "मुखाहीनो
१३ बुडी
ख
'लितो कमलाए सम जे महिवेसे
१६ जिणमए निरओ
बीओ यदि इति
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"स्स सुद्धसंवेगो । खी' स्व
"प्रसंसरणावि
नाम प
पव्वं ॥
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दुन्दुहीओ पहयाओ। दे" जे
उद्देश - ११७
要
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२ पुजिज्जंतो
३
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१२
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१७
१७
'लोगं १५ टो
१६
१८
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इंदियकसामो
सज्झाय करणनि,
"झाणकय हलधारिणो
मद्द कंठे
एवं चिय उपजए मणुओ
खमगढी
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मंदिरा"
° ऊण य मंदिरा
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णं घणर वेणं
णं च कल
वर तरुण
किल विती, भ किस मुद्दती भ
"कचाहिं अवहरिया
परिवरिया
ण सीए,
"ण सया,
२२
सुरेंद
२४ छुद्दादीया
७. पाठान्तराणि
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१७ कोइल मुद्दलुग्गीयं 'महुलुग्गीयं 'बिहंउवसग्गं देवो जे
१७
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१८
१८
२४
२५ जुवती
२५
बहवे जरा
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"रके सुयावरयं । को" जे "किया।
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हि णिव्वसं समणमणहरं
२५
र गेयं
२६ दावेई
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"विहं च देवो काढणं अणयतणय वरस्य राख सम्मभासे ग
ख २८
२९
२९
२९
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२६ दाविता थ
२६ सधीरस
२७
२८
२८ व कवणेस
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३०
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३१
३१
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३२
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वसई निजे,
कमेण सवणस्सतीयाढा ख
गेण्हर
क, जे
कुसुमामेल
दाईती का
"ओ वीरमुणी, अख
ओ वीरमुणी, अ
विउब्वणेहि
सुरेहि
"रघणं न
'पक्खेकार सि
'महिमं सुविउल्य
काउं । प
३५
केवलिम
३५
च सुविउलं कार्ड प ३५ मुणि उत्तिंतो
३६
३६
३७
३७
३७
३७
३७
૩૮
३८
३८
उब्वेविया
समदीद
३९
३९
गुणसयाई
जलाइ
भयावत्तं
४० एवं संसारनदी
४०
४०
साहव ४१ व सभो "इय सिवं अ
४१
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झाणाणला
'तवेन्धण
नाणा णिलेण
"ण साहव
व तवेण ज
"घ हणिओ य
णिहतो य
सत्तू, उत्तमलेसाइ
सुलेणं ॥
'वि' वसन्तस्स
तुहुं म
स्थ निउद्धं साहव
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१०
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४२
४२ मोदी
४२
" रहिएण
४३
नाणकयदा
४४
४६
लहति
उवही
४३
४२ 'रोदद्दि
"रोवहि
४३ "इ तओ धम्म
४६
४६
३
३
५
'कढिहि ।
पावति
ससिदर
सखिकर
विमलभावण्णू
"रा
इति
"पत्तीवि
नाम पव्वं
पव्व
॥
प्रदेश-११८
पङ्कत्थो
पङ्कत्थु
एकतो घणकसायपजलिओ
भारडन्ता
चलइया
केवि
कंडूसु
६
६
६
६ दज्झन्ति
७
सु विद्धपाया
सक्करवालुयाए पुढवीओ जे
सक्कर पहु वालुया य
वीश्री
लोलेन्ता • णिपट्टे चित्तय तह व चित्तयस यवग्ध'
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८ "निकले ।
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