Book Title: Paumchariyam Part 2
Author(s): Vimalsuri, Punyavijay, Harman
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 353
________________ १०८ १२ १२ १३ १५ 'ढा कत्तो भद्दे जि' जे भद्दे व क करेण फु इय सु १५ अपिच्छ १५ परिमसि १६ परिमस १६ जाणिऊण वा O १९ कुसुमवरपूयं २० कालागुरु २१ "सेब २१ "न्ति विगवरायं तिक्खुत्तं प २२ पविसरई . १७ पवगभडा १८ 'चित्तमणकय क 'चित्तमणि कथा सोहं ख जे क, ख क, ख परिवसइ २३ पिच्छ २४ २६ 'ओ अहिय २७ 'सपलाई २९ २९ माल २९ "म्मायं ३० 'जलन्ती" ३० अइदुरन्तो ३२ इ तओ तिब्व ३४ गिण्दइ ३४ अण्णण्णा ब ३४ कमेण ३४ परिच्छो ३५ आरोलिये ३६ एक्कागा ३६ यक्कागा ३७ "यावयणं ३९ पिच्छ २९ दोह ४२ होही पहू ४४ विजाभासण प ४६ कुणमाणा समोडिओ डंभो ख जे Jain Education International क ख क क, ख जे ख क क 23 तो तस्स संशोधितम्, " क, ख जे " " " क क क क जे ख 85 ४९. ;;; ३ ४ ६ ८ 2 2 2 'लतइलोकं Fa नस्थित्थ जाय य स परिवारय "त्तिधरं इति "वसा १८ "रूवा नामपव्वं 'म अहं प सम्मत्तं उद्देश - १९ अजेव सु एवं व "द्धो जो म मुंचसु कोवालम्भ "माटीया " वेयरे ८ 'तिलमा ' ९ मियंक' १३ पविसद्द २१ २१ का मत्ता पा हरयं "यसमो १४ "गोड विडो १४ अधुरय १४ 'मतेसु १६ अट्ठार सखज्जजुयं "ए व अ "तिखिया जणा १८ 'णाकम्पं 'यमित्तो २० २० पउमुजाणं २० इव रावणो मु सिन्न "इ दुनहियया दुडिया ७. पाठान्तराणि क. ख क, ख जे 23 क, ख जे " क, ख क क, ख जे ख जे क, ख गे जे, क, ख जे क, ख जे जेफ ख जे क, ख जे क, ख जे क, ख क जे 23 क ख सुमरिय तं तं वयणं न मए पिच्छसु सेलं पसादेण २८ उच्चयणिजं २८ अकण्णसुइं २९पिए ३० कम्मोदपण ३२ ससिपोंड ३३ ३३ २४ २५ २५ २४ ३४ ३५ ३५ ३५ ३५ ३६ ३६ ३६ ३७ ३८ ४३ ४३ ४३ धिद्धित्ति हो अ 'ला जे त अभियभूमी सरिया य कु व फुसइ मज्झ अ परमसत्त पर आसत उश्चियणिज्जा हें महं जा एया वि व्यि न जा सय एसयरो तईया परमजोहा जइ यस लोगो ही म जे क, ख जे 33 जे, क, ख जे जे क For Private & Personal Use Only मु ५२ जे " जे जे, क, ख मु जे मु क, ख जे क, ख क ३९ ३९ ३९ ४० "के जं ४२ एव मुणिऊण ४२ सुमरिय ४२ परिभवं जे, क, ख घिनुं क मज्झाभो दो जे, क, ख दो अद्ध जे दो य अद्ध ४४ ४१ दढनियल संकलाबद्ध "लाहि पडिबद्धं रा ४४ "मि अजीवियं अजं जे ४६ निच्छिय ४४ 33.83 क जे क, ख 33 13 जे क, ख जे ४७ भए वा ४९ हिंसन्ति पलोयंता ५१ ५९ रुरिवरि क, ख जे क, ख ५२ ५२ ५३ स् 0 ५५ विश्विरस ५५ सहसा सुसियाई ताई स",, ५८ ५८ 'सत्तिकित्ति' ५८ 'जुत्ते ५८ हरा ७ तडतडारावं जेक, ख पते जे ८ सत्याणि क, ख ५९ ५९ तुंगे वि -:-: ऊण एत्थ पयचारे । जे 'णा इचबला २ 'कडय २ ४ तुङ्गा विमलत्तिमत्ता इइ "रिए नाम पव्वं णं णाम एग् संमत्तं जे, क, ख जे उद्देश - ७० होही क १० कडुगोस ११ कित चिन्ताउरो अपिच्छ सलया सद्दा "लियडण्ड यं ११ धरेहि १२ विभू १२ १४ १५ १५ १६ 33 क जे जे मु जे, क, ख वा सासय सुणाहि जे क, ख जे, कख जे, क, ख क, ख क जे, क, ख जे ख मु " गोयरि-म "पीतीप "मो होइ भ विन कित्ति "यं, सो कोलइ उ क, ख जे www.jainelibrary.org

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