Book Title: Paumchariyam Part 2
Author(s): Vimalsuri, Punyavijay, Harman
Publisher: Prakrit Granth Parishad

Previous | Next

Page 324
________________ ७. पाठान्तराणि ११३ क,ख अइगरुया रयमलपण? 'मयूर गर ११७ ११७ ११७ सभावेणं ‘पदमग्गा 'घणवन्दो ९६ १२१ इति ° मरुजण्य' विद्धंसो ज° पकारसमो उद्देसओ स° सम्मत्तो जे,क ख जे,क,ख अभिमहहओ क,ख उद्देश-१२ ३ एवं मणो ४ (एषा गाथा पंचमगाथा पश्चात् ) जे.क,ख 44 via भग ४. 'हिणे कोउय होइ॥ जे,क,ख ४९ गरुयं ५३ किह जीवा ५. सुणिऊण ५८ सुइमतीया ५८ अरण्णम्हि ६३ या जायतिवसं क, ६३ यमतीया ६९ इय मरुयनरेंदं क,ख ७. पसवो य ब ७१ परलोगत्थे ७१ परलोगडे ७२ मत्थसंपन्नो ७३ देवा ७३ तपियवा जेक, ७३ सोमादीया ७४ कतो ७८ बम्भादीया ७९ परमनेवाण ८. वेदनिष्फण्णं ८१ वाहा इव ८१ नरयं जे.क.ख अजंति ८२ सम्वे चिय ८८ नरेंदं । भउद्यं सरी - ८९ ण तेण स ८९ ण तहि स ९० पसवा जे क ख नास्ति गाथापराद्धं जे ९१ कढिणघायप क,ख ९१ उप्पइऊण य स क,ख ५३ उप्पत्ति ९५ मिरिइस हियाण क,ख ९४ ई विमुकसंगाण नर (संशोधितम्) जे १०६ यलसुगेज्झमजे,क,ख १.६ चारुचलणो जे ११२ चबलबलाया ३२ जोइमतीप ८३ फुरफुरते जे,क,ख ३२ प रिसी जा. क,ख ८४ धणुखरगसत्तिस जे ४१ ओ तुज्झ देव! पा. ९२ सुय-सारणो जे,क,ख ९५ जलहरमादी निसियरेहिं जे,क,ख ४१ पिच्छह ४३ एय रणपचण्डो जे;क,ख केसरिडण्डो ४५ रिवुभड जे,क,ख ९८ सिरिमाल-प ४८ एत्तो पे° क,ख १०१ वीसत्थो कख,मु ४८ तुजभागारं जे १०२ सिरिमाला जे ५१ धगधगेन्त जे,ख १०२ उटुन्त ५२ क,ख विचिन्तंति नामेण य चि° जे,क,ख १०४ आसारिऊण रहमुहे. क,ख १०४ °ऊण रणमुहे. जे ५६ रागसंबद्धा १०४ गयापहारेणं ५७ ठविऊण जे, १०५ अभमुहहूओ ५७ पत्थे में ११० रणधीरा ५८ परलोग' ५८ भायणं ११२ खणन्त ख ६. कहेज जे ११६ सुगंति ६. णलद्धपसरा जे ११८ सिरिदिण्णरुहिरच कात्र ६१ एवमेवं जे १२३ लंघेता ६२ तुरियं । १२९ जमडण्ड ६२ °ण उवारंभा जे १३३ दंतमुसला, ऊग उबारंभा जे.कख १३३ उपाडिमप ले ६५ हणह जे १३४ पुरिमगत्तेसु जे,क,ख ६९ आसालिणी नाम जे १३४ गज्जेति क,ख ७. कुलपसूया, जे १३४ गुलगुलेन्ति जे,क,ख ७१ पतेण जे,क,ख १३६ अतिलचिऊण ७३ 'विसयम्हि जे १४१ परिजणो ७५ पतेण जे,ख १४१ अभिणन्दह ७६ °णेण य, जाहे स° क, १४१ लसतेसु ७७ बलिएण १४२ देवसहं चेव दे° क,ख ७७ विवादो १४३ मणिमयूह जे ७७ महायासयरो १४४ लेण तवेण जेण जे ७८ तं एवं इइ प° जे,क,ख ७९ नम ९ फोडेतो उद्देश-१३ ८० भासियं वयणं? ८१ नेवाणं ४ लङ्काहि क° जे ८२ एव भ' । ५ महि जे,क,ख त्ति भ. ५ दम्वेहि पा , क, ख ८१ ६ दिगं देवेण ८ तत्थ महु ८ वसुमताप जे १२ परिपुण्णो जे,क १४ मेच्छाहि १४ नरवरिंदस्स जे,क, १६ °वं गंतूण पु° २० तुहं जइ २१ ऊण एवमेयं २२ हमादीयं २३ तावागतो क, २५ महिलाभिलास' २६ मम, २७ सन्निभं २८ 'मोहियमती २९ कराओ जे,क,ख २९ °उ हीयं, ३० गेण्हिऊण जे ३१ माहवदे जेक ३१ °सो करकुमारो क,ख Avayavagavati SAVE Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406