Book Title: Paumchariyam Part 2
Author(s): Vimalsuri, Punyavijay, Harman
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 350
________________ ७. पाठान्तराणि : : : 15 16 : : १३ Mahakarlahi. 16: : १४ 584404 ८ यं चेव फलं यं चेय फलं ९ भारमित्त १० चिय नो फुह ११ सत्तुदमणेण ११ वि ननिरुद्धा वि णो रुद्धा क,ख १२ निच्छिएणं जे १२ णं, मे संती वजदलिय णिम्माया क,ख णं, हयसत्तो वजदलियनिम्माया धणुवं चित्तू १३ चिरावहे परिजणो १४ °य विट्ठीसु क,ख १४ °य रिद्धीस १५ वेरियमेह ण पिच्छंति क १६ पकागी १६ पडिबद्धो १. तुमं व १. ठाही म १७ मम पु १८ भविस्सामि १८ एकागी १९ कुलोच्चियं १९ गं सएसि भा २० विभीसण 'विओइयं दु २० 'ण तुमे दज्झइ तुहु पुण तुहुं पुण २२ "रं, करेंति २२ पच्छा पुण म जे २२ उभयेसु वि विरत्ता, २३ व पहामण्डल २३ चीयं मे रयह क,ख २३ परलोगं जे २४ सोय तुम १४ A २५ जीविही तु १३ देवरस्स ४४ वं, एवं सा गम्ग जे २५ नत्थेत्थ १४ हरीहि वयणेहिं । क, ५६ अपरार्द्धगाथा नास्ति ,, २७ गोयरवराई १४ निसुणेहि ४७ पूर्वाधगाथा नास्ति। १५ रं दूरस्स २८. पढमं च पई ४७ तत्तो य गिम्ह कालो, १८ पायपडणावगओ २८ पईउउ दारे ५० ओ, इत्तो १९ असिम २९ विभीसणो परए ण १९ सुरगीयपुग क,ख २९ °ओ वीरो २० वेलारुक्ख °दियहे क,ख ३० यमी, कु° २२ महिंदुद्दए णितो __ क,ख ३० तह वि सु २२ ण नरवडणा ५२ पीईगोयरं ३२ होउ सरद्धओ २३ जाओ विय गयसल्लो क,ख ५३ जोगजुत्ता ३२ रणपचंडो २४ खेयरस्स संभंतो क,ख ५४ पिच्छइ ३२ गोयरे २६ फोडय-दा जे,क,ख ५४ अगयरेण ३३ चन्दरासी २६ मादीसु जे __५५ णं जायतिव्व३३ उत्तरवारं २७ °ई इह पुण न जे संवेगो ३४ सत्तिमत्तसं २७ जाओ नी' कख ३५ सन्निवेसं ५६ अगयरो २८ य भणिओ कह ३५ . वसहेहि ५६ गोसारिओ रोगविवजिओ ३५ हिय ग तीय दुक्खसंतत्तो जे सि तं जाओ। जे ५९ चविऊण ३६ सम्मज्जियं २९ रोगाण जे,क,ख ५९ दसरह ३० समुजय क, इई ६० चविऊण ३० मतीया नाम पव्वं ६१ 'चरणमुवजियं ,, , सुयधिनियरेण दे पव्वं ॥ ६१ अजिऊण स समयं पि णिय ६१ तेण इमा विवि उद्देश-६३ ३२ गंभीररनो ३३ र तो पुंडरीयं तु ॥ ६१ "पणासणी क,ख विजो २ हिउज्जुओ क ३४ तस्स वि गु सिट्ठी ३ चेट्ठह जे ३५ सुवइटुनरा' इरोगेण ४ लक्रवणेण सोगता क,ख __ ३५ वसहि, वच्चंत नयरलोओ ५ तुम्मे बद्धर्हि मज्झ ३५ ,पलोहा अत्थचित्तण वायं ॥ ३. चिय वेरिएहि ३८ पण्णलहु' लहुयगजेहिं बंधेहि ७१ आणेह जे,क महागओ जे ३८ लहुयाय मेदेणं ७ पहयो ३९ संकट्ठय "ट्ठिएण ७ नन्दणी "मग्गे जे,क, जे.क,ख ता तत्थ ७ समोच्छइय ४. तत्य पुण्यहियया जे ८ ण महासलिल १. तत्थ पुण्यरहियया ९ सुवुनिस ४० खणे 'लाए पु ११ विसल्ल तुमं वचउ ४१ एयारणाम नाम पन्ध वयणेण अम्हं पि जे ४२ तारिसं वि' नम्मत १२ देवरगु क ४३ गुणागर संमत्तं ३१ २० भाब: 54: 06 FEBR0 ,,, जे,क,ख Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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