Book Title: Pandav Charitra Mahakavyam
Author(s): Devprabhsuri, Shreyansprabhsuri
Publisher: Smrutimandir Prakashanam
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७२२]
[ पाण्डवचरित्रमहाकाव्यम् ॥ अत्रान्तरे महा- १४/२३७ | अथ ग्रावमयं १८/५४ | अथ पप्रच्छ ८/३९९ अत्रान्तरे ददत् ७/२९० अथ चेदार्य
७/१२९ अथ पाण्डुर्वि- १७/१९५ अत्रान्तरे कृता- २/४२६ अथ चेलाञ्चलोत्क्षे- १२/१३७ | अथ पाण्डुर्विमुक्त- ६/१ अत्रान्तरे जिगन्तेषु ३/१३४ | अथ जल्पथ. ३/४४५ | अथ पाण्डुसुतैः । ९/२२७ अत्रान्तरेऽजनि १६/६७ | अथ जागरितो- ९/१९५ | अथ पार्थः
७/६१३ अत्रान्तरेऽन्त- १३/१९३ | | अथ ज्ञातप्रबन्धा- ३/२२ | अथ पार्थं व्यवस्थाप्य ३/३३४ अत्रान्तरेऽन्तरिक्षा- १/२३० | अथ ज्येष्ठासुते २/२६ अथ पार्थो यथा ३/४२० अत्रापि धर्मपुत्रो ७/३४९ अथ तं
१६/३३८ | अथ पालयतः १/५६७ अत्रायातस्य १७/१६७| अथ तस्य पयोराशि- ५/५२७ अथ पास्यन्नि- १३/५२२ अत्रैवास्ति कृपो ३/२१७ अथ तस्याः ६/२६३ || अथ पुण्यपरी १/१२४ अत्रैवाऽऽनीयतां . ६/९५२ अथ तां
१७/२२६ अथ पुत्रकल- १/७५ अथ कंसस्य २/४४८ अथ तासां पुरो १/२८० अथ पृथ्वीपतिः २/१०६ अथ कंसाज्ञया २/३२१ अथ तीर्थंकरो- १६/१३६ | अथ पृष्ठो
८/१३० अथ कंसारिणा १६/१४८ | अथ ते धृतराष्ट्रस्य ३/१५० अथ प्रतस्थे
४/३४ अथ कथमपि १६/३५१ | अथ ते पाण्डु- १७/३६१ अथ प्रतस्थे ७/१०९ अथ कर्णे
९/१९३ अथ तेषां विमानास्ते ९/३८ अथ प्रतस्थे दैवज्ञ- ६/८४९ अथ काम्यताम- ४/१४२ अथ तेषु कुरोर्वंश . १/३५६ अथ प्रतिपाति- १३/३ अथ कार्य७/८९ अथ तेऽपि
१/३१२ अथ प्रत्यर्थि- २/१३८ अथ कुन्ती ७/४७६ अथ तौ नित्य- ३/३६९ | अथ प्रत्यालयोन्मील- ४/४२६ अथ कूलेषु २/२७२ | अथ दामोदरो १६/८२ अथ प्रथितकर्माणो १३/७७ अथ कृष्ण- ७/१८७ | अथ दुर्योधना- ६/९५० | अथ प्रभात- १३/१०३४ अथ कृष्णा
८/४८ | अथ दुर्योधनो- १३/१९४
६/५४९ अथ केषाञ्चि- १३/७९ | अथ देवमनु- २/१६१ | अथ प्रस्थानिके १२/१०८ अथ केऽप्यग्रकान्तारे ५/२५३ | अथ द्रोणस्य १३/३९१ अथ प्रस्थापितो १२/३६९ अथ कोऽयं १२/४३५ अथ द्रोणे हते १३/५७३ | अथ प्रातः १३/१५४ अथ क्रमात्समायाते ४/३२९ | अथ द्रौणायनेरे- १३/५७१ | अथ प्रादुर्भव- १३/६४६ अथ क्रमादतिक्रम्य ७/३८३ | अथ द्विगुणशोकस्य ५/२६३ अथ प्रियंवदो- ८/५८ अथ क्रमेण १४/२६६ अथ द्वैतवना- १०/१ अथ प्रीतिपरो ११/१ अथ क्रुद्धो ९/५१ अथ धर्मसुतः
७/१ अथ बन्धुपुर- ४/१७१ अथ क्रोधोदयात्ताम्र- ६/९९४ अथ धर्मात्मजं १३/२३६ अथ बन्धुवधो- २/३४१ अथ क्रोष्ठकि- २/४५५ अथ नित्य- १८/१४८ अथ बिभ्रत्यहङ्कार- १०/१५९ अथ क्वचन
६/८९४ अथ निध्याय १०/९७ | अथ भानुमती- ९/८७ अथ क्षणाद- १७/२९६ अथ नेमिजिना- १८/१ अथ भीमः ६/२५ अथ क्ष्मापाल- १/११० अथ नेमेः
१६/१२६ अथ भीमोऽभ्य ९/९१ अथ गाङ्गायानः १३/१९५ | अथ पप्रच्छ
७/६४८ | अथ भोजात्मजा १६/२८९
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