Book Title: Pandav Charitra Mahakavyam
Author(s): Devprabhsuri, Shreyansprabhsuri
Publisher: Smrutimandir Prakashanam
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७२८]
[पाण्डवचरित्रमहाकाव्यम् ॥ अर्जुन ! द्रुतमे- १३/६८२ | अवतीर्यः ७/६५० | अवेदं गोग्रहेऽ- १०/४३३ अर्जुनः ८/३०५ अवतेरुस्ततः १२/३३० अवैधव्याध्वरे
५/१२३ अर्जुनस्य १४/१७६ अवदच्च
१६/५८ अवोचच्च १२/२८३ अर्जुनस्य पुनर्बाणा: ४/२७४ | अवदन्नृपति- १/४८९ | अवोचत च १३/६०३ अर्जुनस्य मुने- १८/१३७ अवदन्नौपतिः १/१८२ अवोचदेकदा- ३/२७६ अर्जुनात्तरुनाम्नो- ८/१५० | अवदानेषु १३/७१४ | अवोचदर्वत्नी- १३/३८४ अर्जुनाद्याः ७/३२५ / अवधीस्त्वं ७/५७१ अव्यक्तवर्णरमणीय- २/४८५ अर्जुनार्जुन ! ८/४४७ / अवरोधवधू- ३/३५० अव्याहरति
१८/२६ अर्जुनार्जुन १३/७५९ अवश्यं निपतन्त्येव ११/३३१ अशनं स्वादिमं ९/२१७ अर्जुनेन प्रजाकार्ये ५/२१ | अवश्यमव्य- १३/३२ | अशनादिकमाहारं १७/३०८ अर्जुनो मे सुतां । १०/४४१ | अवश्यमेक एवात्मा
अशिक्षेतां गदायुद्धं ३/३२७ अर्जुनोऽपि १३/२९८ | अवसादः
२/३ अशीतकिरणस्यापि १३/२८९ अर्जुनोऽप्य- ७/१६१ अवसाने च २/४४७ अश्मभिभैंमि- १३/४५९ अर्जुनोऽप्यर्जुन- ६/३० अवस्था पर्यव- ८/३४९ अश्रान्तसंहिता- १३/७०३ अर्थिनः प्रीणया- ९/३७९ अवस्थादौस्थ्य- १३/२१८ अश्रुमिश्रं वहन्नीरं ९/२७१ अर्थिनां प्रार्थनाभङ्गं ८/२२४ अवहारं
१३/३०१ अश्वत्थामन् १३/९६४ अर्थिभ्यः स ददौ ५/५०० | अवहारस्ततस्तात १३/२२० अश्वत्थामा हतः १३/४९९ अर्धभारतवास्त- १४/२७० अवहारे
१३/३७५ अश्वत्थामादयः १३/९९८ अर्धराज्यहरो ३/१९० अवादीच्च १६/१३८ अश्वत्थामान्विताः ३/४१३ अर्धरात्रेऽथ १३/४५० अवादीच्च १७/११२ अश्वत्थामायम- १३/११ अर्पयिष्यसि . ११/७९ अवादीद्देवकी २/१८० अश्वत्थाम्नोऽपि १३/२२ अर्हत्पूजा १३/२०२ | अवादीद्देवता ९/३७५ अश्वानां लक्षणं १०/६५ अर्हन्तो निखिलाः १५/१०५ | अवादीद्रौपदी ८/४९०
१४/८३ अलं विकल्पै- १/५२८ | अवादीद्विदुरो ११/१६५ अश्वैरुत्थापितं १/५५९ अलक्तकरसस्तस्याः ४/१५४ | अवाप्तजन्मनस्तत्र ६/७६ | अष्टधा दर्शनाचारे १५/८२ अलक्ष्यगतयो १३/१९० | अवाप्तैरवदानेषु
अवाप्तरवदानषु
१०/९४ | अष्टमीन्दुनिभे १५/१६ अलङ्कारान्दु- ६/४८३ | अविधित्सुर्वधं १४/७८ अष्टमीशशिनः १६/१८३ अलङ्कतानि ९/१०३ अविन्दन्नर
१/४७८ अष्टमेऽपि १३/१०६ अलब्धपूर्वी ९/१८६ अवियोगा-
७/९८ अष्टादश सहस्त्रा- ६/८०६ अलभन्त
१०/२५६ अविशेषकृतोपास्तिः ५/४ असंबद्धानि १७/७० अलमम्ब! १/२४० अविशेषेण वर्ते ११/१० असंस्तुत इवोत्थाय १०/१२७ अलौकिकं १६/८ अविश्रान्तं १८/२२६ असङ्गभृङ्ग-
४/७७ अल्पमल्पेतरं १५/८९ अविश्वासाः ७/१८० असङ्गभृङ्गसङ्गीत- ५/७५ अवक्रयकुटीतुल्यं १५/१०३ अवीक्ष्य
१३/४४४ असहायसहायेभ्यः १५/१११ अवतारो मनुष्येषु ९/३६२ अवेक्षणीयाः १३/११०९ | असह्यस्तावदे- १४/८८
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