Book Title: Pandav Charitra Mahakavyam
Author(s): Devprabhsuri, Shreyansprabhsuri
Publisher: Smrutimandir Prakashanam
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..८/२९८
परिशिष्टः [१] पाण्डवचरित्रमहाकाव्यगतगाथानामकाराद्यनुक्रमः ॥]
[७२७ अभिमन्युरथा- १३/३४७ | अमङ्गल्याधिया ५/५८ | अयं च सबलै- . १४/१४३ अभिमन्युवध- १३/६७१ | अमन्दामन्दर
३/४१४ अयं तव
७/१७५ अभिमन्युवधे १३/७५६ अमन्यत
१४/२४३ अयं पन्थाः अभिमन्यूत्तरा- ११/४० अमानुषप्रचारे- ७/३१७ | अयं महाबलो . ७/६५२ अभिमन्यूत्तरापुत्रं १७/२२५ अमारिं
७/६७५ अयं मे ज्ञातिचक्रेण ८/४२६ अभिरामगुण- ४/५० अमारिपटहैश्चापि १४/३२७ | अयं मे हन्त २/१८७ अभिरूपेण २/२२६ अमी कुमाराः ३/११५ | अयं वामः पुनः ८/२९९ अभिवाद्य १०/३१ अमी तु १३/१०४६ अयं हि
१३/९२६ अभिषिक्तोऽय- ३/४८५ अमी दुःखाद- १६/२४० अयमायात १२/२९० अभिषिञ्च - ६/३३५ अमी दुर्वारदोर्वीर्या ८/२७४
अयमूर्जस्वलो
३/१३७ अभूच्च भूधवा- ६/७७१ अमी व लहारीत- ९/२५६ अयोबाहुर्महाबाहुः३/१२२ अभूतां शतश- १०/२१३ अमी वर्महराः ३/२१४ अरण्यपथपान्थानां ८/७ अभूत्कर्णः
९/४२ अमीभिः सैरिभ- ८/५३२ अरण्यपान्थै- ७/२६० अभूत्कर्मेदमे- ४/२८९ अमीभिस्तु पुन- ६/१०१६ अरण्यबद्ध- १/६४ अभूत्कश्चित्स , १/२५९ अमीषामपि ११/२०९ अरण्यमालती- १६/२७७ अभूत्कुतूहला- १४/१३० अमुक्ते यन्त्रमुक्ते ३/३६२ अरसन्धिषु १४/७१ अभूत्तस्य मनस्येवं ३/२८१ अमुच्यन्त नवा- १/८३ अरातिकीर्ति- ४/४ अभूवन्कर्णतः .. ३/४३४ | | अमुञ्चदङ्कुरान्कुन्ती ४/२८७ अरालनीलभूव- ४/१५७ अभ्यधत्त च तं १/१११ | अमुना रञ्चरन्ते ८/२२२ | अरिकीर्तीः क्षिपस्तारा ४/२३६ अभ्यधत्तोत्तरः १०/३२३ अमून भीमद्रुहः ३/७९ | अरिव्रातकृतासेव ४/२५ अभ्यधाच्च १४/१२१ अमेयानि . १८/१०८ | अरिषड्वर्गसंसर्गः ७/७१ अभ्यधाच्च
१५/७७ अम्बरेऽप्यमर- १३/७३ अरिष्टकेशिचाणूरा- ११/६६ अभ्यधाच्च
७/६७८ अम्बालिकाम्बि- २/३० अरिष्टाय : १२/४२३ अभ्यधात्सवि- ६/४८४ अम्बालिकाऽपि १/३५४ अरिष्टारिरभाषिष्ट . १२/३८१ अभ्यधाद्धर्मजो ९/२७२ अम्बिकासूनुना १/३९४ अरिष्टारिरभाषिष्ट . २/३८९ अभ्यधुश्च १३/९९१ अम्बिकाऽम्बालिका- १/२७० अरुंतुदानि मे १३/२३७ अभ्यस्तमस्य ८/३२५ अम्भः संस्तभ्य १३/८७२ अरे ! वराकाः ७/४४४ अभ्यापतन्तो १/३१३
अम्भोजमिव १४/२०९ | अरे ! विद्याधराः ९/३१ अभ्युत्थानं च ११/८ अम्भोदरगम्भीरः ४/६० | अरे ! शौण्डीरता- ९/१७२ अभ्युत्थाय १/३१ अम्भोरुहवन- १६/१०५ अरे ! स्मरसि .२/४२१ अभ्युपेत्य तदा- १/३७१ अम्लानांस्तानिव ९/३५६ | अरे वनचराः ९/२३१ अभ्येत्य देवकी २/४४१ अम्लानो बलवान् १०/१७ | अर्कवन्मकरं १२/४४२ अभ्येत्य भूमिन्य- ४/१६ | | अयं कुमार! १६/१२७ | अर्घमत्क्षिप्य - ५/२७८ अभ्रंलिहाभि- १७/२९२ | अयं च निर्ममे ५/२२० अर्चामभ्यर्चयामास ७/१८५ अभ्रमूवल्लभारूढं ३/९९ अयं च वसुदेवा- २/३७१ | अर्चितः सकुटुम्बो- १०/४५६

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