Book Title: Naykarnika
Author(s): Vinayvijay, Sureshchandra Shastri
Publisher: Sanmati Gyanpith

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Page 37
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हुए व्यक्ति से कोई दूसरा व्यक्ति पूछे कि-'कहाँ जा रहे हो ?' जाने वाला व्यक्ति उत्तर देता है-'मैं प्रस्थ लेने जा रहा हूँ।' वह व्यक्ति वस्तुतः लकड़ी काटने के लिए जा रहा है, प्रस्थ (कुल्हाड़ी का हाथा) तो बाद में बनाया । जायगा लोक-रूढ़ि के कारण पूछने वाला उस व्यक्ति के आशय को झट से समझ जाता है । ___ युद्ध के समय जब कोई राष्ट्र जीतता जाता है, तो लोग उनकी जन्मभूमि को ही लड़ने वाली समझकर कह दिया करते हैं कि 'चीन जीत रहा है। कोई तांगे वाला जा रहा हो, तो बुलाने वाला उसे आवाज देता है-'ओ तांगे, ओ तांगे !' कोई प्रान्त अथवा स्थान जब विद्या के क्षेत्र में विकास करता है, तो लोग कह देते हैं-'जयपुर विद्या में आगे बढ़ रहा है ! ऐसे उदाहरणों या वाक्यों से सुनने वाला चट से कहने वाले का आशय समझ जाता है, क्योंकि ऐसा बोलने की एक लोक-रूढ़ि है। इस प्रकार लोक-रूढ़ियं से संस्कारों के कारण जो भी विचार उत्पन्न होते हैं, वे सभी नैगम नय की कोटि में आ जाते हैं। १४] For Private And Personal Use Only

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