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ANAANRANN कारण पट कहलाता है । कुम्भ और पट इन दोनों शब्दों के प्रवृत्ति-निमित्त [व्युत्पत्ति और शब्द भिन्न होने पर भी दोनों के अर्थ में कोई भेद नहीं होना चाहिए, यानी दोनों एकार्थक होने चाहिएँ । पर, लोक में दोनों एकार्थक नहीं हैं, भिन्नार्थक हैं; क्योंकि दोनों के पर्याय = प्रवृत्ति-निमित्त भिन्नभिन्न हैं। इसी प्रकार कुम्भ, कलश और घट की पर्याय [व्युत्पत्ति भिन्न-भिन्न होने से उनके अर्थ भी भिन्न-भिन्न स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए-यही प्रस्तुत पद्य का आशय है।
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