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२१. प्रश्नोचा पवन :
जीवन्त सम्पर्क के किए सोकमाषा प्राकृत का प्रयोग, मान के अधिकारी अधिकारी का प्रश्न, पण्डितों की नाराजगी, गोशालक और महावीर, कुक्कुटासन और गोवोहासन, महावीर
का बात्मदर्शन, महावीर का गृहत्याग।। २२. प्रश्नोत्तरं प्रवट
६६३-६०६ त्याग और भोग, सैक्स परवट्स और धार्मिक परवट्स,
मासान ध्यान, शंकर और चार्वाक । २३. प्रश्नोत्तर-प्रवचन :
६८०-७०२ चेतना और मूळ, महावीर और पारसनाप की परम्पराएं, प्रेम अनादि है, प्रेम की अनुभूति नवीन है, धर्म और सम्प्रदाय,
एक धर्म की स्थापना असम्भव, धर्म की नहीं, पार्मिकता की 'स्थापना सम्भव है। २४. प्रश्नोत्तर-प्रपन:
७०३-७२४ सुख की खोज, स्वतन्त्रता, उपलग्ष वात्मानों को उतरने
की स्वतन्त्रता। २५. प्रश्नोत्तलमल:
७२.५-७४२ एल, दुःख और बानन्द की व्याख्या। १६. समापन-प्रवचन:
७४३-७६१ महावीर को समझने का एकमात्र उपाय-प्रेम, उपसंहार । परिशिष्ट-१:
७६३-७८९ (१) अहिंसा। परिशिष्ट-२:
७६१-१९ (२).यान। *रहस्यदर्शी कषि रजनोश : एक झलक ।
७६७-७१८ *भगवान् श्री रजनीश साहित्य सूची