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महासमिति के महासचिव श्री अक्षयकुमार जैन एवं कार्यालय मंत्री श्री एल० एल० आच्छा के हार्दिक सहयोग बिना इस दुस्तर कार्य का पार पाना कठिन होता। उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद।
महासमिति द्वारा पाण्डुलिपि अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह में ही प्रेस को दी जा सकी। पुस्तक के समय पर निकालने के लिए एक महीने से भी कम समय हाथ में रहा। अतः स्खलनाओं के लिए पाठक क्षमा करें और अपने सुझावों से उपकृत।
श्रीचन्द रामपुरिया
६बी, मदन चटर्जी लेन,
कलकत्ता ७। महावीर निर्वाण दिवस ३ नवम्बर, १६७५ दीपावली सं० २०३२