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जानबूझकर उल्लंघन करना। (निय.८५) मोत्तूण अणायारं आयारे जो दु कुणदि थिरभावं। अणावण्ण वि [अनापन्न अवस्थित, अव्याप्त। (पंचा. ३१, ३२)
केचित्तु अणावण्णा। अणारिहद वि [अनाहत] अर्हत् मत को न मानने वाले, अर्हत् मत
से परे। (स.३४७,३४८) मिच्छादिट्ठी अणारिहदो। अणालंब वि [अनालम्ब] पर के आलम्बन से रहित, पर-पदार्थों के
आलंबन से रहित। (प्रव. १००,निय.१७७) णिच्चं अचलं अणालंबं । (निय. १७७) अणासव पुं [अनास्रव] आस्रव से रहित,आस्रव का अभाव, कर्मास्रव से रहित। (प्रव.चा.४५) अणासवा सासवा सेसा। (प्रव,
चा.४५) अणाहार पुं [अनाहार] उपवास, अनाहार, आहार ग्रहण करते हुए भी निराहार। (प्रव. चा. २७) अण्णं भिक्खमणेसणमध ते समणा अणाहारा। अणिगृह वि [अनिगूह्य] अपनी शक्ति को न छिपाता हुआ।
(प्रव.चा.२८) अणिगृहं अप्पणो सत्तिं । अणिच्छ वि [अनिच्छ] इच्छा रहित (स.२१०,२१३) अपरिग्गहो
अणिच्छो। अणिधण पुंन [अनिधन] अन्तरहित। (पंचा.४२) अणि वि [अनिष्ट) अप्रीतिकर, अनिष्ट, अहितकर (प्रव.६१) णट्ठमणि→ सव्वं । (प्रव.६१)
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