Book Title: Karmarth Sutram
Author(s): Labhsagar Gani
Publisher: Agamoddharak Granthmala
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१४
अज्ञात आशीर्वाद अने मारा गुरुदेवश्रीनी परम वात्सल्यपूर्ण कृपाथी क्षुल्लक प्रयास कर्यो छे छतो आमां कंइ पण क्षति होय तो ते सुधारीने विशाल हृदयपूर्वक क्षमा बक्षवा कृपा करशो एज आशा साथे विराम पामुं छु ।
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परमकृपालु प्रशान्तमूर्ति गच्छाधिपति आचार्यश्री माणिक्यसागरसूरीश्वर शिष्याणु मुनि पुण्योदयसागर.
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