Book Title: Karmarth Sutram
Author(s): Labhsagar Gani
Publisher: Agamoddharak Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 93
________________ अने अणफास्या जे आकाशप्रदेश ते साये समये अपहार करतां ज्यारे पालाना सर्वप्रदेश अपहरीए त्यारे सूक्ष्मक्षेत्रपल्योपम थाय. २३०. कोटाकोटीदशक सागरोपमे । दश कोडाकोङी पल्योपमनो एक सागरोपम थाय. हवे पुद्गलपरावर्तन स्वरूप कहे छे२३१. औदारिकादिसप्ततदन्यतरसर्वाणुपरिणामलोक प्रदेशकालचक्रसमयानुभागबन्धस्थानोत्क्रमक्रम' मरणैर्द्रव्यक्षेत्रकालभावपुद्गलपरावाः सूक्ष्मवादराः । एक जीव सर्व परमाणुने जेटला काले औदारिकादि सात पणे परिणमावीने मूके से टला काले बादर द्रव्ययुद्गलपरावर्त थाय. अने सातमांथी औदारिकादि कोइ पण एक शरीरपणे परिणमावीने जेटले काले मूके तेटला काले सूक्ष्मद्रव्यपुद्गलपरावर्त थाय. लोकाकाशना सर्व प्रदेशो उत्क्रम-जेम तेम (क्रम वगर) मरण वडे जेटले काले स्पर्श कराय त्यारे बादर क्षेत्रपुद्गलपरावत अने क्रमथी मरण वडे जेटलें काले स्पर्श कराय त्यारे सूक्ष्म क्षेत्रपुद्गलपरावत थाय. कालचक्र-उत्सर्षिणी अवसर्पिणीना समयो क्रम वगर मरण वडे जेटले काले स्पर्श कराय त्यारे बादरकालपुद्गलपरावर्त अने क्रम वडे स्पर्श कराय त्यारे सूक्ष्मकालपुद्गलपरावर्त थाय. अनुभागबंध-रसबंधना स्थानो क्रम वगर मरण वडे जेटले काले स्पर्श कराय

Loading...

Page Navigation
1 ... 91 92 93 94 95 96 97 98