Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

Previous | Next

Page 5
________________ और इतने गहन अन्य का विवेचन सहजगम्य बन सका । मैं उस सभी विद्वानों का असीम कृतज्ञता के साथ आभार मानता हूँ। अजेय श्री मरुधरकेसरी जी म० का समय-समय पर मार्गदर्शन, श्री रजतमुनिजी एवं श्री सुकनमुनिजी की प्रेरणा एवं साहित्य समिति के अधिकारियों का सहयोग, विशेषकर समिति के व्यवस्थापक श्री सुभानमल जी सेठिया की सहृदयतापूर्ण प्रेरणा व सहकार से ग्रन्थ के संपादन-प्रकाशन में गतिमीलता आई है, मैं हृदय से आभार स्वीकार कर --यह सर्वपा योग्य ही होगा। विवेचन में कहीं अटि, सेवान्तिक भूल, अस्पष्टता तथा मुद्रण आदि में अशुचि रही हो तो उसके लिए मैं धमाप्रार्थी हूँ और, हंस-बुद्धि पाठकों से अपेक्षा है कि वे स्नेहपुर्वक सूचित कर अमुग्रहीत करेंगे। भूल सुधार एवं प्रमादपरिहार में सहयोगी बनने वाले अभिनन्दनीय होते हैं । - इसी अनुरोध के साथ विनीत ...श्रीमान्क सुराना 'सरस'

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 267