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ने अमुक वस्तु उसमें से निकाल ली, क्योंकि उसमें विष था । गुरु को ही यह मालूम हो सकता है ।
हेमचन्द्रसूरिजी की मृत्यु इसी तरह से हुई थी । पांच पडले इसीलिए रखने पड़ते हैं ।
गोचरी के समय योगी ने नाखून के द्वारा लड्ड में विष मिला दिया था, जिससे सूरिजी की मृत्यु हो गई थी ।।
क्रोध का कांटा निकालने के लिए ही यह महापर्व है।
जिनके साथ क्रोध हुआ हो, उनके साथ खास तौर से क्षमापना करनी है। ___ अन्तर से क्षमा मांगे, दें और अपनायें ।
ये कल्पसूत्र बनाने वाला, इनका रचयिता मैं नहीं हूं। भगवान महावीर स्वामी ने राजगृही के गुणशील चैत्य में अनेक देव-देवियों, नर एवं नारियों के मध्य यह सब बताया हैं ।
'मैं ने तो मात्र ये अक्षर लिखे हैं' - ऐसा भद्रबाहुस्वामी का कथन है । यह 'दशाश्रुत स्कन्ध' का आठवां अध्ययन है ।
जिनवाणी - श्रवण का माहात्म्य
हमें परदेश जाना पड़ता है । प्रवचन देते समय कहा गया था कि जो मांसाहार करते हैं, उनके हाथ का हम भोजन नहीं करते । उसके पूर्व के दिन एक बहन ने जो मांसाहारी थी हमें कोई वस्तु परोसी थी ।
'वे बहन मेरे पास आई कि मुझे प्रायश्चित्त दो ।' मैंने कहा, 'प्रायश्चित्त हम करेंगे ।'
फिर तो दूसरे दिन प्रवचन में से उठ कर वे मेरे पास आई और स्वयं ने ही मांसाहार के त्याग का नियम लिया। भले अज्ञानवश जीव पापाचार करते हैं, परन्तु किसी पुण्योदय से मार्ग पर चढ़ने का प्रयत्न करते हैं ।
- सुनंदाबेन वोरा
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oooooooo0000000000 कहे कलापूर्णसूरि - ३)