Book Title: Jindattakhyana Dwaya Author(s): Sumtisuri, Amrutlal Bhojak Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith MumbaiPage 29
________________ MAN AM अनुक्रमणिका ३९ ७४ जिनदत्तस्य खर्गमनम् । ४० ग्रन्थकारप्रशस्तिः । ४०,७४ ग्रन्थलेखकप्रशस्तिः। . जिनदत्तचरित्रगतविशेषनाम्नामनुक्रमः । २,६,४१,४५जिणयत्तो श्रेष्ठिपुत्रः १९ विजओ राजकुमारः जंबुद्दीवो द्वीपः २८ वेयड्डो . पर्वतः २,१९,४१ अवंतिदेसो देशः २९ रहनेउरचक्कवा-विद्याधरनगरम् वियब्भ (यभय) विदर्भ:= देशः, लपुरं ___ वीतभयं-नगरम् , असोगसिरी विद्याधरराजा ' पज्जोओ राजा वेगवई विद्याधरराज्ञी दसपुर नगरम् अंगारवई विद्याधरराजकुविक्कमवम्मो अवंतिराजा मारी २,४१ सिवधणो श्रेष्ठी रइसुंदरी राजकुमारी जसमई श्रेष्ठिपत्नी सुहंकरो आचार्यः २,४१ सिवदेवो श्रेष्ठिपुत्रः नेमिचंदसूरी , (प्रशस्तौ) ३,१९,४१ उजेणी नगरी सव्वदेवसूरी , ५,४५ वसंतउरं नगरम् सुमइगणी मुनिमहत्तमः,, जीवदेवो अणहिलपाटक नगरम् (लेखकजीवजसा श्रेष्ठिभार्या पुष्पिकायाम्) चंपाउरी नगरी रांवदेव श्रावकः, "" विमलसेट्ठी श्रेष्ठी अरिष्टनेमिचरित तन्नामा ग्रन्थः , विमलमई श्रेष्ठिपुत्री पउमसिरी राज्ञी १६,५० दहिपुरं नगरम् पउमपुरं पत्तनम् १७,५१ सिंघलदीवो द्वीपः चित्रकूट दुर्गः (लेखकपुहईसेहर राजा पुष्पिकायाम्) सिरिमई राजकुमारी जयतुंग ' राजा " वरनाग श्रावकः , राज्ञी श्रेष्ठी " " " " ७,४६ م د و ७,४८ माणिमदः यतिः , चंदवई Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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