Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 4
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 6
________________ प.पु..../... प.प्र./मू..../.../... पा.पु..../... पु.सि .. प्रसा ./मू..../... प्रति.सा..../... मा.अ.... बो.पा./मू....... बृ. जै. श... भ आ./.../ 1... भा.पा./मू..../... म.पु..../... म.मं...../.../... मो.पं.... मो.पा/मू..../... मो.मा.प्र..../.../... यु.अनु.... यो सा.अ..../... यो सा.यो.... रक.धा.... र.सा... रा.वा..../.../.../... रा.वा.हि..../.../... ल.सा./मू..../... ला.सं..../.../... लि.पा./मू..../... बसु.श्रा... वै.द..../.../../... शी.पा./ .../... श्लो .वा..../.../.../.../... पद्मपुराण सर्ग/श्लोक सं., भारतीय ज्ञानपीठ बनारस, प्र.सं., वि.सं. २०१६ परीक्षामुख परिच्छेद सं./सूत्र सं./पृष्ठ सं.. स्याद्वाद महाविद्यालय, काशी, प्र.सं. परमात्मप्रकाश/मूल या टोका अधिकार सं./गाथा सं./पृष्ठ सं., राजचन्द्र ग्रन्थमाला, द्वि.सं..वि.सं. २०१७ पाण्डवपुराण सर्ग सं./श्लोक सं..जीवराज ग्रन्थमाला, शोलापुर, प्र.सं..ई. १९६२ पुरुषाथ सिध्युपाय श्लोक सं. प्रवचनसार/मूल या टोका गाथा स./पृष्ठ सं. प्रतिष्ठासारोद्धार अध्याय सं./श्लोक सं. बारस अणुवेवरवा गाथा सं. बोधपाहुड़/मूल या टीका गाथा सं./पृष्ठ सं. माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई, प्र.सं..वि. सं. १९७७ बृहत जैन शब्दार्णव/द्वितीय खंड/पृष्ठ सं., मूलचंद किशनदास कापड़िया, सरत. प्र.सं..वी.नि. २४६० भगवती आराधना/मूल या टोका गाथा सं./पृष्ठ सं./पंक्ति सं., सखाराम दोशी, सोलापुर, प्र.सं.,ई. १६३५ भाव पाहुड़/मूल या टीका गाथा सं./पृष्ठ सं., माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई,प्र.सं.,विसं. १९७७ महापुराण सर्ग सं./श्लोक सं., भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस, प्र. सं., ई. १६५९ महावन्ध पुस्तक सं./ प्रकरण सं./पृष्ठ सं., भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस, प्र.सं.ई. १६५१ मुलाचार गाथा सं.. अनन्तकीर्ति ग्रन्थमाला, प्र. सं., वि. सं. १६७६ मोक्ष पंचाशिका श्लोक सं. मोक्ष पाहुड़/मूल या टोका गाया सं./पृष्ठ सं.. माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, सम्बई, प्र. सं.. वि.सं. १९७७ मोक्षमार्गप्रकाशक अधिकार सं./पृष्ठ सं./पंक्ति सं., सस्ती ग्रन्थमाला, देहली, द्वि.सं., वि.सं. २०१० युक्त्यनुशासन श्लोक सं..वीरसेवा मन्दिर, सरसावा, प्र. सं. ई. १९५१ योगसार अमितगति अधिकार सं/श्लोक सं.. जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, कलकत्ता, ई.सं. १६१८ योगसार योगेन्दुदेव गाथा सं., परमात्मप्रकाशके पीछे छपा रत्नकरण्ड श्रावकाचार श्लोक सं. रयणसार गाथा सं. राजवार्तिक अध्याय सं./सूत्र स/पृष्ठ सं./पंक्ति सं., भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस, प्र.सं..वि.स. २००८ राजवातिक हिन्दी अध्याय सं./पृष्ठ सं./पंक्ति सं. लब्धिसार/मूल या टीका गाथा सं./पृष्ठ सं., जैन सिद्वान्त प्रकाशिनी संस्था, कलकसा, प्र.सं. लाटी संहिता अधिकार से /श्लोक सं./पृष्ठ सं. लिंग पाहड/मूल या टोका गाथा सं./पृष्ठ सं., माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला.प्र.सं., वि.सं. १९७७ बसुनन्दि श्रावकाचार गाथा सं, भारतीय ज्ञानपीठ बनारस, प्र. सं..वि. सं. २००७ वैशेषिक दर्शन/अध्याय सं./आह्निक/सूत्र सं./पृष्ठ सं.. देहली पुस्तक भण्डार देहली, प्रसं., वि.सं. २०१७ शोल पाहुड़/मूल या टोका गाथा सं./पंक्ति सं., माणिकचन्द्र ग्रन्धमाला बम्बई, प्र.सं., वि.सं. १९७७ श्लोकवार्तिक पुस्तक सं./अध्याय सं./सूत्र सं./वार्तिक सं./पृष्ठ सं., कुन्थुसागर ग्रन्यमाला शोलापुर, प्र.सं., ई. १६४६-१९५६ पट्खण्डागम पुस्तक सं./खण्ड सं., भाग, सूत्र/पृष्ठ सं. सप्तभङ्गीतरङ्गिनी पृष्ठ सं./पंक्ति सं, परम श्रुत प्रभावक मंण्डल, वि.सं. वि.सं. १६५२ स्याद्वादमजरी श्लोक सं./पृष्ठ सं./पंक्ति सं.. पाम श्रुत प्रभावक मण्डल, प्र. सं. १९६१ समाधिशतक/मूल या टीका श्लोक सं./पृष्ठ सं., इष्टोपदेश युक्त, वीर सेवा मन्दिर, देहली, प्र.सं., २०२१ समयसार/मूल या टोका गाथा सं./पृष्ठ सं /पंक्ति सं., अहिंसा मन्दिर प्रकाशन, देहली, प्र.सं.३१.१२.१३५ समयसार/आत्मरख्याति गाथा सं./कलश स. सर्वार्थ सिद्धि अध्याय सं./सूत्र सं./पृष्ठ स'., भारतीय ज्ञानपीठ. बनारस. प्र.सं. ई. १९५५ स्वयम्भू स्तोत्र श्लोक सं . वीरसेवा मन्दिर सरसावा, प्र. सं., ई.११११ सागार धर्मामृत अधिकार सं./श्लोक सं. सामायिक पाठ अमितगति श्लोक सं. सिद्वान्तसार संग्रह अपार सं./श्लोक सं., जोवराज जैन ग्रन्थमाला, शोलापुर, प्र.सं.ई, १९५७ सिद्धि विनिश्चमामूलपाटोका प्रस्ताव सं. श्लोक सं./पृष्ठ सं./पंक्ति संभारतीय ज्ञानपीठ, प्र.सं.ई.१९५५ सुभाषित रत्न सदोह नोक सं. (अमितगति), जेन प्रकाशिनो संस्था, कलकत्ता, प्र.सं..ई. १९९७ सूत्र पाहुइ/मूल या टोका गाथा सं./पृष्ठ सं..मा णक चन्द्र ग्रन्थमाला बन्बई, प्र.सं. वि.सं. १९७७ हरिवंश पुराण सग/श्लोक/सं., भारतीय ज्ञानरठ, बनारस, प्र.सं. ष.वं....//... सभं.त..../... स.म..../.../... स.श./मू..../... स.सा./.../.../... स.सा./आ..../क स.सि..../.../... स.स्तो... सा.ध..../... सा.पा.,.. सि.सा.सं..../... सि.वि./..../.../.../... सु.र.सं... सू.पा./मू...... ह.पु..../... नोट : भिन्न-भिन्न कोष्ठकों व रेखाचित्रों में प्रयुक्त संकेतोंके अर्थ मसे उस उस स्थल पर ही दिये गये है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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