Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Mohanlal Mehta, Hiralal R Kapadia
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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ब्रह्मसिद्धिसमुच्चय जोगविहाणवी सिया
परमप्पयास
जोगसार
योगसार
योगशास्त्र अथवा अध्यात्मोपनिषद्
ज्ञानार्णव, योगाणंव अथवा योगप्रदीप
ज्ञानार्णवसारोद्धार
ध्यानदीपिका
योगप्रदीप
झाणज्झयण अथवा झाणसय
ध्यानविचार
ध्यानदण्डकस्तुति
ध्यानचतुष्टय विचार ध्यानदीपिका
ध्यानमाला
( १३ )
• ध्यानसार
ध्यानस्तव
ध्यानस्वरूप
अनुप्रेक्षा
बारसाणुवेक्खा
बारसानुवेक्खा अथवा कार्तिकेयानुप्रेक्षा
द्वादशानुप्रेक्षा
द्वादशभावना
द्वादशभावनाकुलक
शान्तसुधारस
समाधितंत्र
समाधितंत्र अथवा समाधिशतक
समाधिद्वात्रिंशिका
समताकुलक
साम्यशतक
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