Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Mohanlal Mehta, Hiralal R Kapadia
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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( ११ ) प्रबोधचिन्तामणि उपदेशरत्नाकर उपदेशसप्ततिका उपदेशतरंगिणी आत्मानुशासन धर्मसार धर्मबिंदु धर्मरत्नकरण्डक धम्मविहि धर्मामृत धर्मोपदेशप्रकरण धर्मसर्वस्वाधिकार भवभावणा भावनासार भावनासंधि बृहन्मिथ्यात्वमथन दरिसणसत्तरि अथवा सावयधम्मपयरण दरिसणसुद्धि अथवा दरिसणसत्तरि सम्मत्तपयरण अथवा दंसणसुद्धि सम्यक्त्वकौमुदी सट्रिसय दाणसीलतवभावणाकुलय दाणुवएसमाला दानप्रदीप सीलोवएसमाला धर्मकल्पद्रुम विवेगमंजरी विवेगविलास वद्धमाणदेसणा वर्द्धमानदेशना संबोहपयरण अथवा तत्तपयासग
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२०९ २०९ २१०
२१२. २१२
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२१९. २२०.
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