Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Mohanlal Mehta, Hiralal R Kapadia
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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१
, वृत्ति
मलयगिरि
जैन साहित्य का बृहद् इतिहास २१४० विक्रम की १२
१३ वीं शती १६३०
विक्रम की
१२ वीं शती ७५०
,, वृत्ति
यशोभद्रसूरि
रामदेव मेरुवाचक
पत्र० ३२
,प्राकृ वृत्ति 1, विवरण ,, उद्धार
,, अवचूरि (५) शतक
१६००
७००
शिवशर्मसूरि
गा० १११
सम्भवतः विक्रम की ५ वीं शती
,, भाष्य* ,, भाष्य
बृहद्भाष्य* ,, चूर्णि* , वृत्ति
गा० २४
गा० २४ चक्रेश्वरसूरि १४१३
२३२२ मलधारी हेमचन्द्र सूरि ३७४०
वि० सं० ११७९
,, टिप्पन
उभयप्रभसूरि
९७४
विक्रम की १२ वीं शती सम्भवतः विक्रम की १३ वीं शती
विक्रम की १५ वीं शती
., अवचूरि
गुणरत्नसूरि
पत्र० २५
(६) सप्ततिका
शिवशर्मसूरि अथवा चन्द्रर्षिमहत्तर गा० ७५ अभयदेवसूरि गा० १९१
, भाष्य
विक्रम की ११
१२ वीं शती
,, चूर्णि ,, प्राकृत वृत्ति ,, वृत्ति*
चन्द्रषिमहत्तर मलयगिरि
पत्र. १३२
२३०० ३७८०
,, भाष्यवृत्ति ,, टिप्पन
मेरुतुंगसूरि रामदेव
४१५० ५७४
विक्रम की १२-१३ वीं शती वि० सं० १४४९
विक्रम की १२ वीं शती
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