Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 4
Author(s): Mohanlal Mehta, Hiralal R Kapadia
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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३५४
जैन साहित्य का बृहद् इतिहास
पष्ठ
शब्द
पृष्ठ
'पण्णवणात पतंजलि
'पद
परमात्म २२८, २३७ परमात्मप्रकाश
परमात्मा ७४ परमाधार्मिक ५१ परमानंद
१६ परमानंद शास्त्री १८७, २७७ परमानंदसूरि
१५४ २३९, २४०, २८५ १६२, १६३
१७७ २५९
२६९ १११, १२७, १८२,
१९८, ३२०
१८९
१६२
२०
६०
२७, ६०, ६६
२१९
पदसमास पदानुसारिजिन पदार्थ पदार्थसार 'पद्धटिका "पद्धति पद्धतिटीका पद्म “पदमचन्द्र पद्मदेवसूरि पद्मनंदिमुनि पद्मनंदी पदमनाभ पद्मप्रभ पद्ममंदिरगणी पद्मविजयगणी 'पद्मलेश्या 'पद्मानंद 'पद्मानंदशतक पद्मालय पद्मावती पद्मासन परभव परमप्पयास परमभक्ति परमयोगीश्वर परमागम "परमाणु
२५
७३
६०, ९९
परमावधिजिन
परमेष्ठी ३१४
परलोक
परशुराम १७०
पराघात
परिकर्म १६८,२४०
परिग्रहत्याग १९९
परिग्रहपरिमाण १५५, २४६
परिजित १५१, १७९
परिणमन १८६
परिणामान्तरगमन २२२,
परिभव
परिमल २२४
परिमाण
परिवर्तन ३१२
परिहारविशुद्धि परिहारशुद्धिसंयत परीषह
परोक्ष ૨૪ ૬ परोदय
२७ पर्याप्त १५०, १५७ पर्याप्ति
२२४
३०, ६३, ७० २२, २५
१७५
१६१
३, २४०
१६२, १७६ ६८, १५०
२०, ३२ ३३, १३४, १७७
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