Book Title: Jain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala

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Page 11
________________ महाप्रभाबिक एवं परमोपकारी पूज्यपाद श्रीमद् उपकेशगच्छाचार्यों की । सचित्र बडी पजा __इतिहास प्रेमी मुनि श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज साहिब ने हाल ही में इस पूजा की रचना की हैं जिसको संघपति श्रीमान् पाँचूलालजी वैद्य मेहता ने गुरु भक्ति निमित्त निज के द्रव्य से छपवा कर स्वधर्मी भाइयों को भेट देने का निश्चय किया है। प्रस्तुत पूजा जमाना हाल की प्रचलित राग रागनियों के अलावा बहुत सी इतिहास घटनाएँ और उस विषय के सुन्दर चित्र । देकर पूजा को सर्वाङ्ग सुन्दर बनायी गयी है इस पूजा में श्रीमाल, पोरवाल जातियों के संस्थापक आचार्य स्वयंप्रभसूरि तथा ओसवंश + संस्थापक आचार्य रत्नप्रभसूरि एवं तीनों वंश की वृद्धि करने वाले * आचार्य यक्षदेवसूरि आचार्य कक्कसूरि आचार्य देवगुससूरि आचार्य सिद्धसूरि और धर्म प्रचारक पं०कृष्णरार्षि जम्बुनाग मुनिशान्तिचन्द्र और पद्मप्रभ वाचक आदि कई महा पुरुषों द्वारा की गई शासन की महान् प्रभावना का वर्णन किया गया है अतः जैन समाज का सब से पहला फर्ज है कि ऐसे महा पुरुषों की भक्ति पूर्वक पूजा कर स्व पर को कृतज्ञ बनाना चाहिए । । जहाँ पर इन महापुरुषों की मूर्तिये पादुकाएं न हो वहाँ श्री ६ फलादि की स्थापना करके पूजा पढ़ा सकते हैं ! पोस्ट चार्ज के दो * आना भेज कर पुस्तक निम्न लिखित पते से मंगवा लीजिये। १ संघपति श्रीमान् पाँचूलालजी वैद्य मेहता मु० धमतरी-जिला रामपुर (सी०पी०).

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