________________
( ८६ )
कसौटी - अब्बल तो चंदेरी पूर्व में नहीं पर बुलेन्दखंड में थी दूसरा चंदेरी में राज राठौड़ों का नहीं पर चेदी वंशियों का होना इतिहास स्पष्ट बतला रहा हैं तीसरा उस समय भारत पर यवनों का आक्रमण हो रहा था जिसका बचाव करना तो एक बिकट समीक्षा बन चुकीं थी तब खरहत्थ अपने चार पुत्रों को लेकर काबली मुल्क का रक्षण करने को जाय यह बिल कुल ही असंभव बात है और काबली मुल्क को लूटने वाले यवन भी कोई गडरियों नहीं थी कि चार लड़का उनको भगा दें। भले । यतिजी को पूछा जाय कि खरहत्थ के चार पुत्र यवनों को भगा दिया तो वे स्वयं मुच्छित कैसे हो गये और मुच्छित हो गये तो यवनों को कैसे भगा दिये यदि कहा जाय कि यवनों को भगाने के बाद मुच्छित हुए तो इसका कारण क्या ? कारण अपनी स्वस्थ्यावस्था में यवनों को भगाया हो तो फिर उनको मुच्छित किसने किया ? वा-वाह यतिजी यदि ऐसी गप्प नहीं लिख कर किसी थली के एवं पुराणा जमाना के मोथों को या भोली-भाली विधवाओं को एकान्त में बैठकर ऐसी बातें सुनाते तो इसकी कोड़ी दो कोड़ी की कीमत अवश्य हो सकती ।
खरतरों ने हाल ही में चोरड़ियों के विषय में एक ट्रक्ट लिखा है जिसमें विक्रम की चौदहवी शदाब्दी के दो शिलालेख 'जो चोरड़ियों के बनाई मूर्तियों की किसी खरतराचार्यों ने प्रतिष्ठा
* हाल में खरतरों ने नयी शौध से खाच तान कर चन्देरी को पूर्व में होना बतलाया है पर इसमें कोई भी प्रमाण नहीं और न वहाँ राठौड़ों का राजा हो सावित होता है ।