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( ६५ ) वीरात् ७० वर्षे स्थापन करे हमने ऐसा देखा है"
आप श्रीमान् ने भले पट्टावलियों आदि पुस्तकों को देखकर इस बात को लिखी हो पर आज इस विषय को साबित करने के लिये अनेक ऐतिहासिक साधन विद्यमान है।
६-खरतरगच्छाचार्यों ने एक भी नया ओसवाल बनाया हो ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिलता है । हां-उस समय जैन समाज करोड़ों की संख्या में था, जिनमें से कई भद्रिक लोगों को भगवान् महावीर के पांच कल्याणक के बदले छः कल्याणक मनाकर तथा त्रियों को प्रभु पूजा छुड़ाकर लाख सवालाख मनुष्यों को खरतर बनाया हो तो इसमें दादाजी का कुछ भी महत्व नहीं है । कारण यह कार्य तो ढू'ढिया तेरह पन्थियों ने भी करके बता दिया है। ___ यदि खरतराचार्यों ने किसी को प्रतिबोध देकर नया जैन बनाया हो तो खरतर लोग विश्वसनीय प्रमाण बतलावें ? श्राज बीसवीं सदी है केवल चार दीवारों के बीच में बैठ अपने दृष्टिरागियों के सामने मनमानी बातें करने का एवं अर्वाचीन समय की कल्पित पट्टावलियों बतला कर धोखा देने का जमाना नहीं है।
मैं तो आज डङ्क की चोट से कहता हूँ कि. खरतरों के पास ऐसा कोई भी प्रमाण हो कि किसी खरतराचार्य ने पोसवाल जाति तो क्या ? पर एक भी नया ओसवाल बनाया हो तो वे बतलाने को कटिबद्ध हो मैदान में आवें।
इत्यलम्