Book Title: Jain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala

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Page 37
________________ (२५) (१४) मूल गोत्र पिच्छोलिया-(वि० सं० १२०४) पिच्छोलिया | रूपावत । डागा चतुर पीपला नागोरी संघी आदि बोहरा फोजदार चौधरी (१५) मूल गोत्र हथुड़िया-(वि० सं० ११९१ ). हथुड़िया | गौड़ | बोहरा छपनिय राणावत | संघी रातड़िया | विदामिया सौतानिआ दिया ( १६ )मूल गोत्र मंडोवरा-(वि० सं० ९३५) मंडोवरा | बोहरा लाखा रत्नपुरा | कोठारी | पालावत पानय । (१७) मूल गोत्र मल-(वि० सं० ९४९) मल माला वीतराग कीड़ेचा । सोनी । सुखिया | मूथा । नरवरा आदि (१८) मूल गोत्र गुदेचा-(वि० सं० १०२५ ) गुदेचा | वागोणी । गुदागुदा | धमावत गगोलिया | मच्छा रामनिया । आदि

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