________________
( ६२ ) ६-विक्रम की आठवीं शताब्दी का जिक्र है कि भिन्नमाल नगर का राजा भाण उपकेशपुर का रत्नाशाह ओसवाल की पुत्री के साथ विवाह किया था जिसका उल्लेख चिलगच्छ की पट्टावलि में स्पष्ट रूप से मिलता है।
७-श्रीमान् बाबू पूर्णचन्दजी नाहर कलकत्ता वालों ने अपने "प्राचीन शिलालेख संग्रह खंड तीसरा" के पृष्ठ २५ पर लिखा है कि:
"इतना तो निर्विवाद कहा जा सकता है कि प्रोसवाल में श्रोस शब्द ही प्रधान है। श्रोस शब्द भी उएश शब्द का रूपान्तर है और उएश, उपकेश, का प्राकृत हैxxx इसी प्रकार मारवाड़ के अन्तर्गत "श्रोसियां" नामक स्थान भी उपकेश नगर का रूपान्तर हैxxxx जैनाचार्य रत्नप्रभ सूरिजी ने वहाँ के राजपूतों को जीव हिंसा छुड़ा कर उन लोगों को दीक्षित करने के पश्चात् वे राजपूत लोग उपकेश अर्थात् प्रोसवाल नाम से प्रसिद्ध हुए।"
श्रीमान नाहरजी ऐतिहासिक साधनों का अभाव बतलाते हुए इस अनुमान पर आए हैं कि:
"xxxसंभव है कि वि०सं०५०० के पश्चात् और वि० सं० १००० के पूर्व किसी समय उपकेश (ोसवाल ) ज्ञाति की उत्पत्ति हुई होगी?