Book Title: Jain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala

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Page 25
________________ ( १३ ) (२) मूलगोत्र बप्पनाग : - ( उत्पति वीरात् ७० वर्ष ) बाफना बहुफणा नाहटा भोपाला भूतिया भाभू नवसरा मुगड़िया डागरेचा चमकिया चोधरी जंगड़ा कोटेचा शुकनिया बाला धातुरिया तिहुपणा करणावट वागड़िया संघवी रसोत कुरा वेताला सलगणा बुचारिण साबलिया तोसटिया गान्धी कोठारी खोखरा पटवा दफ्तरी घोड़ावत कुचेरिया बालिया संघवी आच्छा दादलिया हुना काकेचा सोनावत सेलोत भावड़ा लघुनाहटा पंच भाया हुड़िया टाटिया ठगाग (३) मूल गोत्र कर्णाट: चमकिया बोहरा मिठड़िया एवं कुल ५३ तेपन शाखाएँ हुई । मारू रण धीरा ब्रह्मेचा पाटलिया थंभोरा गुदेचा जीतोत | लाभांणी वानुजा ताकलिया कर्णाट: - (उत्पति वीरात् ७० वर्षे ) योद्धा धारोला दुलिया वादोला संखला भीनमाला एवं कुल १४ शाखाएँ हुई ।

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