Book Title: Jain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala
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( १५ )
( ६ ) मूल गोत्र विरहट ( उ० वी० ७० वर्षे )
विरहट
धारिया
भुरंट
राजसरा
तुहाणा
मोतीया
श्रीसवाला
चौधरी
लघुभुरंट
पुनमिया
श्रेष्ठि
सिंहावत
भाला
रावत
वैद
गागा
नोपत्ता
संघवी
निबोलिया
हांसा
(८) मूल गोत्र श्री श्रीमाल ( उ० वी० ७० वर्षे )
श्री श्रीमाल
नाहरलांणी
उद्धावत
कोटी
केसरिया
अट कलीया
चंडालेचा
संघवी लघु संघवी
सोनी
साचोरा
निलड़िया
खोपर
कोठड़िया
झावांणी
मुत्ता
पटवा
सेवडिया
धाकड़िया
भीन्नमाला
खजानची
देवड़
दानेसरा माड़लीया
थानाबट
चीतोड़ा
जोधावत
कोठारी
बोत्थाणी
संघवी
पोपावत
सरा
उजोत
मूल गोत्र श्रेष्ठि ( उ० वी० ७० वर्षे )
चौधरी
लाखांणी
ठाकुरोत
बाखेटा
विजोत
एवं कुल १७
शाखाएँ हुई ।
देवराजोत
गुंदीया
बालोदा
नागोरी
सेखाणी
करवा
एवं कुल २२
शाखाएँ हुई । -
भुरा
गांधी
मेड़तिया
रणधीरा
पातावत
शुरमा
एबं कुल ३१
शाखाएँ

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