Book Title: Jain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala

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Page 30
________________ ( १८ ) भद्र (१२) मल गोत्र भूरि ( उ० वी० ७० वर्षे) हिरण . . ! पीतलीया | हलदीया भटेवरा मच्छा सिंहावत । नाचाणि उड़क. बोकड़िय । जालोत | मुरदा सिंधिबलोटा दोसाखा ! कोठारी चौधरी . । बोसूदिया । लाड़वा । पाटोतीया एवं कुल २० शाखाएं (१३) मूल गोत्र भद्र-( उ० वी ७० वर्षे) नामाणि लघु समदड़िया गोगड़ समदड़िया | भमराणि लघु हिंगड़ कुलधरा ढेलड़िया सांढा रामाणि जोगड़ . संघी चौधरी नथावत लिंगा: सादावत भाटी फूलगरा खपाटिया भांडावंत सुरपुरीया चवहेरा चतुर पाटणिया एवं कुल २९ चालड़ा | कोठारी नांनेचा | शाखायें हुई (१४) मूल गोत्र चिंचट ( उ० वी० ७० वर्षे ) चिंचट खीमसरा | नौपोला आकतरा देसरड़ा । लघुचिंचट कोठारी पोसालिया संघवी पाचोरा तारावाल पूजारा ठाकुरा | पुर्विया । लाड़लखावनावत गोसलांणि | निसांणिया | शाहा एवं कुल१९शाखाएं हिंगड़

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