Book Title: Jain Bhajan Prakash 04
Author(s): Joravarmal Vayad
Publisher: Joravarmal Vayad
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[४] मातासंगपाल ॥ डायमल १२ मुनि भजो चिरंजी १३ छगनसल १४ गुणमाल ॥ उ. पंचमपट पांचंदमौ मुनिमघवाधरी आण ॥ दोयपरणीज्यावारै कुंवारा॥ एचवदैगुणठाण ॥ जाणलियासहुजगफंदा॥ द०॥६॥ लीलाधर१ सुनिध्यान धरत है दुलीचंह २ दिनकार ॥ दीपचंद ३ मुनिखेमराज ४ सुत साथे संयमभार ॥ मजोभीमजी ५ मातासाथे छोडदियो घरसार ॥ नथराज ६ अग्नी शुभ लग्निनिजर कंवर निस्तार ॥ उ० साकरचंद ७ कस्तूरजी ८ मांणकहदसुनि आठ ॥ बरतारामैतेजमाल ६ चरणदेवबिराज्यापाट-॥ ठाठ गणिराजमुनिंदा ॥ द० ॥ १० ॥ कालु राम साता यासुत ब्रह्मचारी १ सक्तमाल २॥ कल्यानमल ३ नरंजन नथमल ५ विनायक इंपालाल ७॥ पन्नालाल ८ पुयाप्रतबोधी जैमल ! जाणीजाल ॥ फूस

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