Book Title: Jain Bhajan Prakash 04
Author(s): Joravarmal Vayad
Publisher: Joravarmal Vayad

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Page 53
________________ । [४० फंदा ॥ द० ॥ २० ॥. इमरता १० सुन्दरजी ११ भूरा १२ सुगना १३ सुगण अपार है दुनी इमरतां १४ होरां १५ सुखां १६ हेतु १७ तखता १८ तार ॥ पैफांजी १६ सोना २० सुखदेवां २१ केसर २२ सेरां २३ सोर ॥ रतनांजी २४ चानाजी २५ भतु २६ लाक्षा २७ चंपा २८ धार ॥ उ० नमना २१ जलजिम निरमली ॥ लिछमांजी. ३० {मास ॥ टुजौचानां ३१ भेजो हगामा ३२ सति अमे दां ३३ खास ॥ पास पन्नालाल मुनिंदा ॥ द० ॥ २१ हेमांजी ३४ पन्नाजी ३५ मघां । ३६ नीवुजी ३७ जगतार ॥ मोलांजी ३८ एजणजी ३६ भजल्यो। बखतावर ४. सिरदार ॥ ४१ भजोहगामा ४२ भूग ४३ग्यानां ४४ ॥ छोगो ४५ पुबीलार ॥ -परताबांजी ४६ भनो सुवटा ४७ दाखांजी ४८ दिलधार ॥ उ० जडाव ४६ फूलांजी ५० भजो

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