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प्रस्तावना।
इस किताबमें श्रीतीर्थंकर भगवान वा बीस बिहर मण वा श्री १००८ श्री स्वामी भिक्षणजी वा मांगकलालजी बा डालचन्द जौ वा नये गहौधर महाराज धिराज श्री कालुरामजी महाराज के गुणांका सत्वन वा उपदेसको ढाला घोर भी मोकलौ संग्रह कारको सर्व जैनौ भाइयों को बांचवा हितार्थ बनाय कर छपाव्या है इस किताबकों जयणां पुरवज्ञ भगनै गुणने में ल्यावे ओर चपनो लाभ उठावें।
मिलनेका ठिकाना। ‘भैरदान जोरावरमल बैयद ।
मु० रतनगढ़। नं० १४ मंगापट्टी बड़ाबजार कन्नकत्ता ।