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साहित्य मनीषी की वोर्ति स्मृतियाँ
भैया, विनय भैया (बण्डा) ब्र. प्रदीप भैया सुयश, ब्र. अरूण भैया आदि के ज्ञानवृद्धि की भावना सहित विनय भाव प्रकट करते हैं। पण्डित निहालचंद जी (बीना), पण्डित खेमचंद जी, पंण्डित शीतलचंद जी, पण्डित ज्ञानचंद जी, पण्डित राजेन्द्र कुमार जी, पण्डित फूलचंद जी प्रेमी, पण्डित सुरेन्द्र भारती जी आदि के प्रति सादर आभार व्यक्त करते हैं। हमारे संरक्षक सदस्यों में एवं समिति के सदस्यों, श्रीमंत सेठ डालचंद जी (सागर), सेठ मोतीलाल जी (सागर), श्री महेश जी ( बिलहरा, सागर), श्री ऋषभ जी (मडावरा, सागर), डॉ. क्रांतकुमारजी सराफ (सागर), डॉ. जीवनलाल जी (सागर) एवं प्रकाशचंद जी (मानकचौक) आदि के साथ-साथ हमारे परामर्श प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के विद्वज्जनों में पण्डित शिवचरण लाल जी मैनपुरी, पण्डित मूलचंद जी लुहाड़िया, पण्डित अमरचंद जी शाहपुर, डॉ. जयकुमार जी मुजफ्फरनगर, डॉ. कमलेश जी (बनारस), डॉ. शेखरचंद जी ( अहमदाबाद), डॉ. अनुपमजी (इंदौर), डॉ. श्रेयांस कुमार जी (बडौत) आदि विद्वानों के प्रति हम विनयावत हैं। आप सभी विद्वज्जनों ने इस स्मृति ग्रन्थ में सहयोग प्रदान किया है अत: आपका आभार मानते हैं।
स्मृति ग्रन्थ पाँच भागों में प्रकाशित है। जो प्रथम खण्ड में आचार्यों-मुनिराजों के आशीर्वाद, विनयांजलि शुभकामनाओं से सुशोभित है। द्वितीय खण्ड में स्मृति शेष के व्यक्तित्व से एवं तृतीय खण्ड कृत्तित्व से शोभित है । इसके अलावा जैनागम सम्मत, दार्शनिक अभिलेखों सहित चतुर्थ खण्ड शोभित है तथा पंचम खण्ड 20 वीं सदी के दिवंगत विद्वज्जनों के जीवन परिचय से सुशोभित है। हम प्रकाशन संबंधी किसी भी ज्ञात-अज्ञात त्रुटि एवं भूल के लिये सादर क्षमा प्रार्थी हैं। सभी के प्रति सादर भाव है तथा रहेगा। स्मृति ग्रन्थ विद्वज्जनों की स्मृति शेष परम्परा का संवाहक बने, इसी मंगल भाव के साथ पुनः आभारी एवं क्षमाप्रार्थी हूँ। हमारा अनुरोध है -
गच्छतः स्खलनक्वापि, भवत्येव प्रमादतः । हसन्ति दुर्जनास्तत्र, समादधति सज्जनाः ॥
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विदुषां वशंवदः समस्त सम्पादक मण्डल की ओर से पं. शिखरचंद्र जैन साहित्याचार्य प्राचार्य प्रधान सम्पादक
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