Book Title: Buddh Vachan
Author(s): Mahasthavir Janatilok
Publisher: Devpriya V A

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Page 25
________________ भिक्षुओ। रोना-पीटना किसे कहते है? यह जो जिस किसी विपत्ति से युक्त, जिस किसी पीडा से पीडित मनुष्य का रोना-पीटना है, चिल्लाना है-इसे ही भिक्षुओ। रोना-पीटना कहते है।। भिक्षुओ। पीडित होना किसे कहते है ? यह जो शारीरिक दुस है, शारीरिक पीडा है, शरीर सम्वन्धी क्लेश है, बुरी शारीरिक अनुभूति हैइसे ही भिक्षुओ। पीडित होना कहते है। भिक्षुओ। चिन्तित होना किसे कहते है ? यह जो मानसिक दुख है, मानसिक पीडा है, मन सम्वन्धी क्लेश है, वुरी मानसिक अनुभूति हैइसे ही भिक्षुओ। चिन्तित होना कहते है। भिक्षुओ। परेशान होना किसे कहते है ? यह जो जिस किसी विपत्ति से युक्त, जिस किसी दुख से दुक्खित मनुष्य का हैरान होना है, परेशान होना है-इसे ही भिक्षुओ। परेशान होना कहते है। भिक्षुओइच्छा की पूर्ति न होना दुःख कैसे है ? भिक्षुओ, पैदा होने वालो की इच्छा होती है कि हम पैदा न होते, हम पैदा न हो, बूढो की इच्छा होती है कि हम बूढे न होते, हम वूढे न हो, रोगियो की इच्छा होती है कि हम रोगी न होते, हम रोगी न हो, मरने वालो की इच्छा होती है कि हम न मरते, हम न मरे, शोकाकुलो की इच्छा होती है कि हम शोकग्रस्त न होते, हम शोकनस्त न हो, रोने-पीटने वालो की इच्छा होती है कि हमे रोना-पीटना न होता, हमे रोना-पीटना न हो, पीडितो की इच्छा होती है कि हमे शारीरिक-क्लेश न होता, हमे शारीरिक क्लेश न हो, चिन्ताग्रस्तो की इच्छा होती है कि हम चिन्तित न होते, हम चिन्तित न हो, परेशान होने वालो की इच्छा होती है कि हम परेशान न होते, हम परेशान न हो, लेकिन यह इच्छा से (तो) नही होता। इस प्रकार इच्छा की पूर्ति न होना दुःख है। ___ और भिक्षुओ! थोडे मे कौन से पॉच उपादान स्कन्ध दुख है ? यह रूप-उपादान-स्कन्ध, वेदना-उपादान-स्कन्ध, सज्ञा-उपादान-स्कन्ध, सस्कार-उपादान-स्कन्ध, विज्ञान-उपादान-स्कन्ध ।

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