Book Title: Buddh Vachan
Author(s): Mahasthavir Janatilok
Publisher: Devpriya V A

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Page 86
________________ छात्रहितकारी पुस्तकमाला दारागंज, प्रयाग की अनुपम पुस्तकें १-ईश्वरीय-बोध-परमहस स्वामी रामकृष्णजी के उपदेश भारत में ही नहीं, ससार भर में प्रसिद्ध है। उन्ही के उपदेशों का यह सग्रह है। श्रीरामकृष्णजी ने ऐसी मनोरजक और सरल, सव की समझ में आने लायक बातों में प्रत्येक मनुष्य को ज्ञान कराया है कि कुछ कहते नही बनता । प्रत्येक उपदेश पढते समय ऐसा मालूम होता है मानो कोई कहानी पढ रहे हैं । परिवद्धित संस्करण का मूल्य सिर्फ 1) २-सफलता की कुञ्जो-अमेरिका, जापान आदि देशों में वेदान्त का डका पीटने वाले तथा भारत-माता का मुख उज्ज्वल करने वाले स्वामी रामतीथ को सभी जानते हैं । यह पुस्तक उन्हीं स्वामी जी के Secret of Success नामक अपूर्व निबन्ध का अनुवाद है । मूल्य ।। ३-मनुष्य जीवन की उपयोगिता-मनुष्य जीवन किस प्रकार सुखमय बनाया जा सकता है ? इसकी उत्तम रीति आप जानना चाहते है तो एक बार इसे पढ जाइये। कितने सरल उपायों से जीवन पूर्ण सुखमय हो जाता है, यह आपको इसी पुस्तक से मालूम होगा । यह मूल पुस्तक तिब्बत के प्राचीन पुस्तकालय मे थी, जहाँ के एक चीनी ने इसका अनुवाद चीनी भाषा मे किया । आज दिन योरप की प्रत्येक भाषा मे इसके हजारों संस्करण हो चुके है । डेढ सौ पेज की पुस्तक का मूल्य ) ४-भारत के दशरत्न-यह जीवनियों का संग्रह है । इसमे भीष्म पितामह, श्रीकृष्ण, पृथ्वीराज, महाराणा प्रतापसिंह, समर्थ गुरुरामदास श्रीशिवाजी, स्वामी दयानन्द, स्वामी विवेकानन्द और स्वामी रामतीर्थ के, जीवन-चरित्र बडी खूबी के साथ लिखे गये है। सचित्र का मूल्य ) ५-ब्रह्मचर्य ही जीवन है-इसको पढकर सच्चरित्र पुरुष तो सदैव के लिये वीर्यनाश से बचता ही है, किन्तु पापात्मा भी निःसशय

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