Book Title: Buddh Vachan
Author(s): Mahasthavir Janatilok
Publisher: Devpriya V A

View full book text
Previous | Next

Page 91
________________ भाषाओं में सैकडों पुस्तकें है, परन्तु हिन्दी मे कोई ऐसी पुस्तक न थी. /निसमे दूध के पोपक तत्वों, इसके पीने से लाभ तथा इससे क्या २ वस्तुयें तैयार हो सकनी हैं, आदि बातों का वर्णन हो । इसी कमी को दूर करने के लिये इस पुस्तक की रचना की गई है। अगर आप दूध के वास्तविक गुणों को जानना चाहते हो, वो इसे अवश्य पढे । म ० १२) २६--अहिंसानत-ले० महात्मा गांधी है जोअहिंसा को परम धर्म मानते हैं । उनका सारा सिद्धात इसी पर अवलम्बित है। अगर आप अहिंसा के वास्तविक मर्म को जानकर अपना जीवन पवित्र और शुद्धः बनाना चाहते है तो इस पुस्तक को पढ़ें । इस पुस्तक मे उन सब लेखों का संग्रह किया गया है, जिन्हे महात्मा जी ने समय २ पर लिख कर पाठकों की शंकाओं, उनकी उलझनों को दूर किया है । म.. ' २७-पुण्यस्मृतियाँ-इसके लेखक भी महात्मा गाधी है। इस अन्य मे महात्मा जी ने महात्मा टाल्स्टाय, लोकमान्य तिलक, महामना गोखले,सुकरात, देशबन्धुदास, लाला लाजपत राय आदि देशी तथा विदेशी महापुरुषो के प्रति श्रद्धाजालिया अर्पित की हैं । इस ग्रन्थरत्ना के सम्बन्ध मे अधिक लिखना व्यर्थ है, जब स्वय महात्मा जी की पावना लेखनी से महापुरुषो की पावनगाथा लिखी गई है । आप भी इसे पढ़ कर अपनी आत्मा को उच्च और पवित्र बनाइये । मू० ) साहित्य सरोजमाला की पुस्तके:-- १-पतिता की साधना-इस उपन्यास का कथानक बिल्कुल नये' ढंग का है जो अभी तक हिन्दो के किसी उपन्यास में नहीं मिल सकता।। इसकी अत्यन्त रोचकता और अद्भुत रचना-प्रणाली देकर पाठकों का कुतूहल उत्तरोत्तर इतना बढ़ जाता है कि इसे समाप्त किये बिना किसी काम मे जी लगना तो दूर, खाना-पीना तक दुर्लभ हो जाता है । म०२) २-अवध की नवाबी-यह एक ऐतिहासिक उपन्यास है । इसमे लखनऊ के घोर विलासिता मे मग्न नवाब की लास्यलोला, उनका प्रजापीड़न का रोमांचकारी वर्णन है। उस समय कोई सुव्यवस्थित शासन न

Loading...

Page Navigation
1 ... 89 90 91 92 93