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( ५ )
सम्यक् दृष्टि
भिक्षुओ, सम्यक् - दृष्टि कौन सी होती है ? भिक्षुओ, जिस समय आर्य-श्रावक दुराचरण को पहचान लेता है, दुराचरण के मूल कारण को पहचान लेता है, सदाचरण को पहचान लेता है सदाचरण के मूल कारण को पहचान लेता है, तब उसकी दृष्टि, इस कारण से भी सम्यक दृष्टि, सीधी-दृष्टि कहलाती है, उसकी इस धर्म में अचल श्रद्धा है, वह इस धर्म मे आ गया है ।
भिक्षुओ, दुराचरण कौनसे है ?
१ जीव-हिंसा करना दुराचरण है
२ चोरी करना दुराचरण है
३ कामभोग सम्वन्धी मिथ्याचार दुराचरण है
४ झूठ बोलना दुराचरण है
५ चुगली खाना दुराचरण है ६ कठोर बोलना दुराचरण हे
७ फजूल वोलना दुराचरण है
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शारीरिक कृत्य
वाणी के कृत्य
८ लोभ करना दुराचरण है ९ क्रोध करना दुराचरण है
१० मिथ्या-दृष्टि रखना दुराचरण है
भिक्षुओ, दुराचरण का मूल कारण क्या है ? दुराचरण का मूल कारण
मन के कृत्य
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