Book Title: Buddh Vachan
Author(s): Mahasthavir Janatilok
Publisher: Devpriya V A

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Page 40
________________ ( ४ ) दुःख निरोध की ओर ले जाने वाला मार्ग आर्य-सत्य दुख निरोध की ओर ले जानेवाला मार्ग आर्य-सत्य कौन सा है? स. यह जो कामोपभोग का हीन, ग्राम्य, अगिप्ट, अनार्य, अनर्य-कर जीवन है और यह जो अपने शरीर को व्यर्थ क्लेश देने का दुख मय, अनार्य, अनर्थकर जीवन है, इन दोनो सिरे की वातो से बचकर तथागत ने मध्यम-मार्ग का ज्ञान प्राप्त किया है जो कि आँख खोल देने वाला है, ज्ञान करा देने वाला है, शमन के लिए, अभिज्ञा के लिए, बोध के लिए, निर्वाण के लिए होता है। यही आर्य अप्टागिक मार्ग दुख-निरोध की ओर ले जाने वाला है, जो कि यू है-- १ सम्यक् दृष्टि २ सम्यक् सकल्प प्रजा प्रज्ञा ३ सम्यक् वाणी ४ सम्यक् कर्मान्त गील ५ सम्यक् आजीविका ) ६ सम्यक् व्यायाम ) ७ सम्यक् स्मृति समाधि ८ सम्यक् समाधि ) निर्मल ज्ञान की प्राप्ति के लिए यही एक मार्ग है। और कोई मार्ग नहीं। ध. २० इस मार्ग पर चलने से तुम दुख का नाश करोगे। भिक्षुओ, अपने आप

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